मिर्जापुर की इस महिला ने यूट्यूब से सीखी ड्रैगन फ्रूट-स्ट्रॉबेरी की खेती, अब ले रही है 5 लाख रूपये तक इनकम

आजकल एग्रीकल्चर के क्षेत्र में लोगो काफी ज्यादा रुझान काफी ज्यादा बढ़ गया है। कभी किसानों तक सिमित खेती का काम आज दूसरे लोगो के लिए प्रेरणा कस स्रोत बन गया है। किसानों से लेकर युवा वर्ग के लोग भी अपनी आय में इजाफा करने के लिए इस क्षेत्र में कदम बढ़ा रहे है। वहीं महिलाएं भी अब कृषि और बागवानी से जुड़कर के अपनी आय बढ़ा रही है और समाज में नारी सशक्तिकरण की नई मिसाल पेश कर रही है। ऐसे में मिर्जापुर की रहने वाली एक महिला ने कृषि से जुड़कर अपनी आय में अच्छा मुनाफा कमाया है। जो आज किसानों के लिए भी रोल मॉडल बना रही है। वंदना ने सोशल मीडिया के जरिए खेती करना सीखा है ।
आज वंदना ड्रैगन फ्रूट और स्ट्रॉबेरी की खेती करके सालाना 5 लाख रूपये तक की कमाई कर रही है। अपने नवाचारों और मेहनत के दम पर आज वंदना सिंह ने नाम, पैसा, शौहरत सभी कमा ली है। कुछ दिनों पहले ही मिर्जापुर की दिव्या मित्तल ने वंदना सिंह के प्रयासों की खूब सराहना की है।
मिर्जापुर की वंदना ने पेश की आर्थिक स्वावलंबन की मिसाल, खेती-किसानी के माध्यम से एक वर्ष में की 05 लाख रुपये की आमदनी#MissionShakti 4.0 pic.twitter.com/4b70rRRqfc
— MissionShakti (@missionshaktiup) January 19, 2023
मिर्जापुर की वंदना ने पेश की आर्थिक स्वावलंबन की मिसाल, खेती-किसानी के माध्यम से एक वर्ष में की 05 लाख रुपये की आमदनी#MissionShakti 4.0 pic.twitter.com/4b70rRRqfc
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आधा एकड़ में कर रही है खेती
मिर्जापुर में रहने वाली वंदना ने अपने गांव में आधा एकड़ जमीन पर ड्रेगन फ्रूट और स्ट्रॉबेरी की खेती कर रही है। वंदना अपने घर को संभालते हुए इस काम को पूरी देख रेख के साथ में कर रही है। और हर महीने हजारो रूपये की कमाई कर रही है। उनके इस सफर की शुरुआत एक गृहिणी के तौर पर हुई थी। इस बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए वंदना ने कृषि विभाग का रुख अपनाया है। वंदना ने कृषि विभाग की मदद से अपनी आधा एकड़ जमीन के ड्रेगन फ्रूड की कृषि करनी शुरू कर दी और एक ही साल में 5 लाख रूपये की इनकम कमा ली। जब ये खेती सफल हो गई तो स्ट्रॉबेरी और हल्दी उगाने का भी मन बानाया और इससे भी अच्छी पैदावार हासिल की।
खुद बनती है अपने पौधे
ड्रेगन फ्रूट की खेती से अच्छा मुनाफा लेने के बाद अब वंदना सिंह ने अपने फार्म का विस्तार कर दिया है। वह अब ड्रेगन फ्रूट की कटिंग करके अपने लिए पौध तैयार करती है। ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए पत्थर के पिलर, लोहे के तार और गोबर की खाद का उपयोग किया जा रहा है। हालाँकि इस खेती पहले और दूसरे वर्ष कुछ खास मुनाफा नहीं मिला, लेकिन तीसरे साल का मुनाफा सैकड़ो से बढ़कर हजारो में पहुंच गया है। वंदना का कहना है कि आज नर्सरी में तैयार ड्रैगन फ्रूट के पौधे 50 रुपये में बिक रहे हैं। वहीं ड्रैगन फ्रूट के फलों को वाराणसी में 400 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव पर निर्यात किया जा रहा है | also read : अब सरकार सहकारी सिमितियो के माध्यम से एक ही छत्त के नीचे जैविक उत्पादकों का विपणन करने की योजना बना रही है