मध्यप्रदेश के किसानों की चमकी किस्मत, अब इस फसल का विदेशों तक किया जा रहा है निर्यात

 
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भारत में किसानों के लिए गेंहू की खेती मुनाफे का सौदा साबित हो रही है। क्योकि गेंहू की अन्तर्राष्ट्रीय स्टार पर डिमांड बढ़ती जा रही है। कोरोना महामारी के दौरान भारत ने अपने यहाँ से कई देशो को गेंहू का निर्यात किया था। वहीं यूक्रेन और रूस के बीच में हुए युद्ध ने गेंहू के निर्यात को काफी ज्यादा बढ़ा दिया है। इस दौरान कई देशों ने भारत से गेंहू का आयत किया है। इस तरह से गेंहू के निर्यात में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। ऐसे में गेंहू की किस्मो में भी नई नई किस्म देखी जा रही है। साधारण गेहूं के बारें में तो सब जानते ही हैं। लेकिन कभी आपने कभी नीले गेंहू के बारे में सुना है। भारत में मध्यप्रदेश में इस गेंहू की काफी अच्छी कमाई हो रही है। और मध्यप्रदेश की सरकार भी इसके लिए किसानों को सब्सिडी मुहैया करवा रही है। तो आइए जानते है इसकी खेती कैसे करे । 

मध्यप्रदेश में किसान कर रहे हैं नीले गेहूं की खेती
मध्यप्रदेश के किसान काले गेहूं की खेती के बाद अब यहां के किसानों ने नीले गेहूं की खेती करनी शुरू कर दी है। इस संबंध में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि है जी-20 के कृषि समूह की बैठक में विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधियों का प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में नीले गेहूं, शुगर फ्री आलू और बीज बैंक के रूप में हुए नवाचारों ने ध्यान आकर्षित किया है। इस जी-20 सम्मेलन में नीले रंग के गेहूं की स्टाल भी लगाई गई। स्टाल में जानकारी दी गई कि इस नीले रंग के गेहूं का बेकरी उत्पाद बनाने में इस्तेमाल हो रहा है। इस गेहूं प्रकार के गेहूं के निर्यात के लिए अगले साल के लिए आर्डर भी मिले हैं। ऐसे में नीले रंग के गेहूं की खेती यहां के किसानों की किस्मत को चमका सकती है। इसकी खेती करके यहां के किसानों को काफी बेहतर लाभ हो सकता है।

गेंहू निर्यात के मामले में मध्यप्रदेश का देश में प्रथम स्थान 
मध्यप्रदेश के CM शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश पूरे देश में गेहूं के निर्यात में पूरे देश में प्रथम है। काले गेहूं के निर्यात के बाद अब नीले रंग के गेहूं का उत्पादन भी प्रदेश में शुरू हो गया है। बेकरी के उत्पाद बनाने में काम में आने वाले नीले रंग के गेहूं की मांग दूसरे देशों से भी आ रही है। इसका पेटेंट भी करा लिया गया है।

नीले रंग के गेहूं की क्या होती है खासियत
नीले रंग के गेहूं न केवल रंग में सामान्य गेहूं से अलग होते हैं बल्कि सामान्य गेहूं से कई गुना पौष्टिक और सेहत के लिए लाभकारी भी होता हैं। इस प्रकार के गेहूं के इस्तेमाल से ब्लड शुगर लेवर, कोलेस्ट्रॉल लेवल और बॉडी फैट लेवल को कम करने में सहायता मिलती है। नीले रंग के गेहूं की रोटियां सेहत के लिए अच्छी होती हैं। वहीं इससे बेकरी के उत्पाद ब्रेड और बिस्कुट बनाए जाते हैं जो रंग में नीले होते हैं और सेहत के लिए भी काफी अच्छे होते हैं। 

जानिए कैसे करे नीले रंग के गेंहू की खेती 
काले और नीले और बैंगनी रंग के गेहूं की बुवाई मध्य नबंवर से मध्य दिसंबर तक की जाती है। इसकी उपज दर 17 से 19 क्विंटल प्रति एकड तक प्राप्त की जा सकती है। बात करें इस गेहूं की रंग की तो गेहूं में पाए जाने वाले एंथोसायनिन के कारण इसका रंग अपने आप काला, नीला या बैंगनी हो जाता है। यह दाना बनने के दौरान प्राकृतिक रूप से होता है। काले रंग के गेहूं में एंथोसायनिन पिगमेंट के कारण इसका रंग काला बनाता है। इसी प्रकार नीले रंग के गेहूं में भी इसी तत्व के कारण इसका रंग नीला हो जाता है। हालांकि इसकी खेती साधारण गेहूं की तरह ही होती है। also read : 
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