इस सीज़न में करे इन 10 सब्जियों की खेती, कुछ ही समय में होगी बंफर कमाई

 
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किसान सब्जियों की खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकता है। सब्जियों की खेती करने का सबसे बड़ा फायदा यह है की ये कम समय में पककर तैयार हो जाती है और इनका बाजार में अच्छा मोल मिल जाता है। खरीफ और रबी के सीज़न के बीच जब खेत खाली रहते हैं तब किसान सब्जियों की खेती करके अतिरिक्त कमाई कर सकते हैं। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको जून माह में उगाई जाने वाली टॉप 10 सब्जियों की खेती के बारे में बता रहे हैं। आप जिन्हे उगाकर कर अच्छा लाभ कमा सकते है। तो आइए जानते है इन सब्जियों के बारे में। 

करेला की खेती 
करेला की खेती करके किसान काफी अच्छा लाभ कमा सकते हैं। करेले की फसल 55 से 60 दिन में तैयार हो जाती है। इसकी बाजार में अच्छी मांग रहती है और इसके भाव भी अच्छे मिल जाते हैं। शुगर और डायबिटीज के मरीजों के लिए तो इसका सेवन काफी लाभकारी माना जाता है। करेले की सब्जी के अलावा इसका रस का भी सेवन किया जाता है। यदि आप करेले की खेती करते हैं तो आपको इसकी उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए।

गिलकी की खेती
गिलकी में आयरन, पोटेशियम और विटामिन की प्रचुर मात्रा होती है। इसका सेवन सेहत के लिए काफी लाभकारी होता है। गिलकी की खेती खरीफ और जायद दोनों सीजन में की जा सकती है। इसकी खेती जीवांशयुक्त सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। लेकिन खेत में अच्छे जल निकास की व्यवस्था होनी चाहिए। हालांकि इसकी अच्छी पैदावार के लिए बलुई दोमट या दोमट मिट्‌टी अच्छी मानी जाती है।

लौकी की खेती
लौकी की खेती भी किसानों के लिए लाभकारी है। लौकी एक ऐसी सब्जी है जिससे सब्जी के अलावा भी बहुत से चीजें बनाई जाती है जिसमें लौकी का हलवा, लौकी का रायता, लौकी कबाब आदि कई डिश इससे बनाई जाती है। बीमारी में डॉक्टर अक्सर लौकी की सब्जी खाने की सलाह देते हैं क्योंकि ये सबसे जल्दी डायजेस्ट हो जाती है। इसकी कई किस्में हैं जिनमें अर्का नूतन, अर्का श्रेयस, पूसा संतुष्टि, पूसा संदेश, अर्का गंगा, अर्का बहार आदि किस्में अच्छी हैं। लौकी फसल 50 से 55 दिन में तैयार हो जाती है। इसकी औसत उपज 32 से 58 टन प्रति हैक्टेयर तक प्राप्त की जा सकती है।

तोरई की खेती
तोरई की खेती साल में दो बार की जा सकती है। ग्रीष्म ऋतु में इसे जायद फसल कहा जाता है तथा खरीफ सीजन में भी इसे उगाया जाता है। इस तरह साल में दो बार इसकी खेती की जा सकती है। लेकिन बारिश के समय इसकी खेती काफी अच्छी मानी जाती है। कच्ची तोरई की सब्जी बनाई जाती है जो सेहत के लिए काफी अच्छी होती है। वहीं इसके सूखे बीजों से तेल निकाला जाता है।

सेम की खेती
सेम की खेती के लिए दोमट, चिकनी व रेतीली मिट्‌टी अच्छी मानी जाती है। इसकी खेती के लिए भूमि में जल निकास की उचित व्यवस्था होना जरूरी है। क्षारीय व अम्लीय भूमि इसकी खेती के लिए अच्छी नहीं होती है। इसकी उन्नत किस्मों में पूसा अर्ली, काशी हरितमा, काशी खुशहाल। 

मेथी की खेती
मेथी की सब्जी और दाना मेथी का प्रयोग मसाले में किया जाता है। इसकी खेती हरे रूप में पत्तों के लिए और सूखे रूप में इसके दानों के लिए की जाती है। हरी मेथी की सब्जी बनाई जाती है, जबकि दानों का उपयोग मसाले के तौर पर किया जाता है। मेथी की उन्नत किस्मों में कसूरी मेथी, पूसा अर्ली बंचिंग, यूएम 112, कश्मीरी, हिसार सुवर्णा आदि हैं।

पालक की खेती
पालक की खेती कम खर्च में अधिक कमाई देने वाली सब्जी है। यह कम समय में तैयार हो जाती है। पालक की फसल बुवाई के 25 दिन बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है। करीब 10-15 दिन बाद यह दुबारा कटाई के लायक हो जाती है। इसकी 5 से 6 कटाई करके आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं। इसकी खेती के लिए अच्छे जल निकास वाली हल्की दोमट मिट्‌टी सबसे अच्छी रहती है

धनिया की खेती
धनिया की खेती गर्मी के मौसम में की जा सकती है। इसकी खेती से करीब प्रति बीघा 90 हजार रुपए की कमाई की जा सकती है। गर्मियों में हरे धनिये का भाव काफी बढ़ जाता है। आम तौर पर बाजार में धनिये का भाव 25 से 30 रुपए प्रति किलोग्राम होता है। मौसम और बाजार की मांग के हिसाब से इसकी खेती लाभकारी होती है। also read : 
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भिंडी की खेती
भिंडी की खेती करके भी बेहतर मुनाफा कमाया जा सकता है, क्योंकि भिंडी के भाव भी बाजार में ज्यादा कम नहीं होते हैं। भिंडी की कई उन्नत किस्में काफी अच्छा उत्पादन देती है जिसमें काशी अगेती, काशी सृष्टि (VROH-12) F1 हाइ्ब्रिड, काशी लालिमा (VROR-157), काशी चमन वीआरओ-109, काशी वरदान, शीतला ज्योति, शीतला उपहार, काशी सतधारी, काशी विभूति आदि उन्नत किस्में हैं।

खीरा की खेती
खीरे की मांग गर्मियों के मौसम में बहुत अधिक होती है। इसके सेवन से शरीर में पानी की पूर्ति होती है। खीरे को कच्चा और इसकी सब्जी बनाकर खाई जाती है। अधिकांश लोग इसे सलाद के रूप में खाना पसंद करते हैं। बाजार में खीरे की मांग काफी रहती है और इसका दाम भी अच्छा मिलता है। खीरा की खेती करके किसान काफी अच्छा पैसा कमा सकते हैं।