संजवीनी बूटी के नाम से मशहूर इस फल से करे बंफर कमाई, विदेशो तक बढ़ रही है डिमांड

 
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हिमालय पर्वत की गोद में उगने वाले लेह बेरी किसानों के साथ साथ आम जनता के लिए भी काफी ज्यादा फायदेमंद होती है। इसे देश विदेश में भी निर्यात किया जाता है। लेह बेरी बाकि सभी बेरो की तरह नहीं होती है बल्कि इन बेरों में कई औषधीय गुण मौजूद होते है। इनमे इतने ज्यादा गुण पाए जाते है इसी के कारण इसे एक्जोटिक फल कहते हैं। अगर आप इसे कोई साधारण फल समझने की गलती न करे। आज हम आपको इस पोस्ट के जरिए इस फल से जुडी हुई महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे है तो आइए जानते है। 

लेह बेरी क्या है
यह एक एक्जोटिक फल है, इसमें कई तरह के गुण मौजूद होते हैं। यह फल पहाड़ी क्षेत्रों में सबसे अधिक पाया जाता है। उत्तराखंड से लेकर लद्दाख के पहाड़ी क्षेत्रों में इस फल की खेती की जाती है। इसमें कमाल के औषधीय गुण होने के चलते आयुर्वेद इसे किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं मानते हैं।मिली जानकारी के मुताबिक, देश-विदेश के बाजार में लेह बेरी की कीमत अच्छी खासी होती है। लोग भी इसे उच्च दाम के साथ खरीदने के लिए तैयार हो जाते हैं।

किसानों के लिए बेहद फायदेमंद 
लेह बेरी के फल में ही सारे गुण पाए जाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल, इसके पेड़ की हर एक शाखा से लेकर, पत्ती, तना और जड़ में भी कई पौष्टिक गुण होते हैं। किसान भाइय़ों के लिए तो यह किसी वरदान से कम नहीं है। क्योंकि इसके पेड़ से खेत की मिट्टी में उर्वरता बढ़ने लगती है। इससे बंजर भूमि में लेह-बेरी के पेड़ मिट्टी की उर्वरता को बढ़ा देता है।
आपको बता दें कि इसके पेड़ की जड़ें खेत की मिट्टी को बांधे रखती हैं। इसकी जड़ों में जीनस फ्रैंकिया जीवाणु होते हैं और साथ ही इस पेड़ के आसपास के कुछ क्षेत्रों तक नाइट्रोजन अच्छी मात्रा में मौजूद होता है, जिसका असर मिट्टी में साफ देखने को मिलता है कि मिट्टी कुछ ही दिनों में खेती करने के लिए काफी उपजाऊ बन जाती है। also read : 
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