गर्मियों के सीज़न में आपके पशु को भी लग जाती है लू, तो इस तरह से रखे आवास, आहार और उपचार का खास ख्याल

गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है इन दिनों पूरे देश भर में लू का प्रकोप बना रहता है। भीषण गर्मी से मनुष्य ही नहीं बल्कि पशु -पक्षी भी बुरी तरह से प्रभावित होते हैं। इससे दुधारू पशुओं की दूध देने की क्षमता भोजन की मात्रा और व्यवहार में भी बदलाव होता है। ऐसे में आज हम आपको दुधारू पशुओं के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। गर्मियों के मौसम में उनका विशेष रूप से ख्याल रखने की आवश्यकता होती है। जिससे इन पशुओं के दूध के उत्पादन में कमी न आए हालांकि सर्दियों की अपेक्षा गर्मियों में दूध का उत्पादन कम हो जाता है। गाय भैंस कम दूध देना शुरू कर देते हैं। लेकिन यदि इनका सही तरीके से आवास, आहार और उपचार किया जाए तो दूध उत्पादन में अधिक गिरावट नहीं आती है। आज हम आपको इस पोस्ट के जरिए पशुओं के आवास आहार और उपचार से संबंधित जानकारी देने जा रहे है।
कैसे पता लगाएं की पशुओं को लग गई है लू
- जब भी आपके पशु को लू लग जाती है तो उसके शरीर और व्यवहार में परिवर्तन नजर आने लगता है। कई बार लू लगने से पशुओं की मौत तक हो जाती है। पशुओं में लू लगने पर जो लक्षण नजर आते हैं वह इस प्रकार है।
- पशु को लू लगने पर 106 से 108 डिग्री फॉरेनहाइट तेज बुखार आता है जिसके कारण पशु स्वस्थ होकर खाना पीना छोड़ देता है।
- पशु को लू लग जाने पर पशुओं के मुंह से जी बाहर निकल आती है और उसे सही तरह से सांस लेने में कठिनाई होती है और पशुओं के मुंह के आसपास झाग आने लगते हैं।
- लू लगने पर पशुओं की आंख बंद नाक लाल होने लगती है ऐसे में अक्सर पशुओं की नाक से खून आने लगता है।
- लू लग जाने पर पशुओं के हृदय की धड़कन तेज हो जाती है।
- उसे सांस लेने में कठिनाई का अनुभव होता है जिसे पशु को चक्कर आने लग जाते हैं और बेहोशी की हालत में मर जाता है।
पशुओं को लू लगने से बचाने के लिए करें ये उपाय
- पशु आवास में स्वच्छ वायु जाने और दूषित वायु बाहर निकलने के लिए रोशनदान लगाए जाने चाहिए।
- गर्मियों के दिनों में परसू कोलूर रोज नहलाना चाहिए विशेषकर भेंसो को ठंडे पानी से नहाना चाहिए।
- गर्मियों के दिनों में पशु को ठंडा पानी पर्याप्त मात्रा में पिलाना चाहिए और संकर नस्ल के पशु जिनको अधिक गर्मी सहन नहीं होती है उनके आवास में पंखे व कूलर की व्यस्वस्था होनी चाहिए।
- पशुओं को सुबह जल्दी और शाम को देर से चरने के लिए भेजना चाहिए।
गर्मी के मौसम में आहार में करें बदलाव
गर्मियों के मौसम में पशुओं के आहार में परिवर्तन करना चाहिए। इन दिनों पशुओं को कम आहार और अधिक पानी की आवश्यकता होती है। गर्मियों के मौसम में पशुओं पशुओं के चारे की जगह हरे चारे की अधिक आवश्यकता होती है। हरे चारे से लाभ होता है कि वह पौष्टिक और स्वादिष्ट होते हैं। दूसरा इसमें 70 से 90% पानी होता है जो कुछ समय तक उनके शरीर की में जल की पूर्ति करता है। प्राय गर्मी में मौसम में हरे चारे का अभाव पाया जाता हैं. ऐसे में जिन पशुपालकों के पास में सिंचित भूमि नहीं हैं। उन्हें समय से पहले ही हरी घास काटकर सूखा देनी चाहिए। यह घास प्रोटीन से युक्त होती हैं।
गर्मियों के पशु के लिए पानी व्यवस्था
गर्मियों के मौसम पशुओं को भूख कम और प्याज की ज्यादा जरूरत होती है। इसलिए पशुपालकों को पशुओं को पर्याप्त मात्रा में पानी पिलाना चाहिए पशु को दिन में कम से कम 3 बार पानी अवश्य पिलाना चाहिए। इससे पशुओं के शरीर का तापमान नियंत्रण रहता है इसके अलावा पशु को पार्टी में थोड़ी मात्रा में नमक में आटा मिलाकर खिलाना चाहिए।
लू लगने पर क्या करें उपचार
यदि पशुओं को लू लग जाती है तो इसके लिए आप यह उपाय कर सकते हैं।
पशु को लू लग जाने पर उस पर ठंडे पानी का छिड़काव करना चाहिए।
पशु के शरीर पर बर्फ या अल्कोहल को रगड़ना चाहिए से पशुओं को राहत मिलती है।
पशु को प्याज और पुदीना ऐसे बना कर खिलाना चाहिए।
पशु को ठंडे पानी में चीनी, पुदीने और नमक का मिश्रण पिलाना चाहिए से लू से बचाव होता है।
यदि इन उपायों के बाद किसी को आराम नहीं मिलता है सबसे नजदीकी डॉक्टर के पास दिखाना चाहिए। also read : मिल्किंग मशीन से निकाले पशुओ का दूध,जानिए इसके बारे में