यहाँ जानिए, कड़कनाथ और अन्य प्रजातियों में किससे होता है अधिक मुनाफा,

किसानों के साथ साथ भारत सरकार पशुपालकों को भी बढ़ावा दे रही है। क्योकि पशुपालन भी देश में बिजनेस की तरह काम कर रहा है और इसे काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है।
मुर्गी क्षेत्र के व्यवसाय में लाखों का मुनाफा
इसमें भी बीते कुछ सालों में मुर्गीपालन, अंडापालन, लेयर फार्मिंग का व्यवसाय करने वाले जमकर मुनाफा कमा रहे हैं। ऐसे में हम आपसे यहां मुर्गीपालन के एक विशेष प्रजाति के बारे में बताने जा रहे है। इससे आप लाखों-करोड़ों का मुनाफा कमा सकते हैं। आपको जानकार हैरानी होगी कि महज 1 हजार कड़कनाथ मुर्गे का पालन कर आप लाखों रुपये कमा सकते हैं।
कड़कनाथ मुर्गे की अलग पहचान
मुर्गों की प्रजातियों में कड़कनाथ मुर्गे की पहचान एकदम अलग है। इसके मांस से लेकर अंडों की दोनों का अपने बेहतरीन स्वाद और पौष्टिक खाद्य पदार्थ के लिए जाने जाते हैं। इसमें भी मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल झाबुआ जिले में पाए जाने वाले कड़कनाथ मुर्गे की खासियत एकदम अलग है। यही वजह है कि झाबुआ जिले को कड़कनाथ की मूल प्रजाति के लिए जीआई टैग भी मिल चुका है।
कड़कनाथ मुर्गे के पालन के लिए सरकार देती है अनुदान
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा झाबुआ,अलीराजपुर, बड़वानी और धार जिले में अनुसूचित जनजाति के लोगों को अनुदान पर कड़कनाथ चुजे दिये जा रहे हैं। इसमें इकाई लागत 4 हजार 400 रुपये है, जिसमें से पशुपालन विभाग द्वारा 3 हजार 300 रुपये का अनुदान दिया जा रहा है। यानी की कड़कनाथ मुर्गे को पालने वाले को मात्र 1100 रुपये ही अपने जेब से खर्च करने होंगे। एक बार इकाई शुरू होने के बाद चुजा, मुर्गा और अण्डा से आमदनी मिलने लगती है। also read : इस फसल की की खेती करके गांव और परिवार में करे सबसे अधिक कमाई, जानिए कैसे करे खेती ?
कड़कनाथ मुर्गा और अन्य प्रजातियों में अंतर
कड़कनाथ
विकास का समय
90-100 दिन
40-45 दिन
वजन
1250ग्राम/90-100 दिन
2 कि.ग्रा./40-45 दिन
क्रूड प्रोटीन
25%-27%
17%-18%
कैलोरी
2400-2500 कैलोरी
3250-2800 कैलोरी
फैट
0.73 से 1.03%
13 से 25%
कोलेस्ट्राल
184.75 मि.ग्रा./100 ग्राम
218.12 मि.ग्रा
लिनोलिक एसिड
24%
21%
बीमारियां
कम संक्रामक
अधिक संक्रामक बेक्टीरिय एवं वॉयरल बीमारियाँ
पालन से लाभ
ब्रांडडे वेल्यू तथा नियमित आय के साथ अधिक दर पर विक्रय
सामान्य वेल्यू