टमाटर की नई किस्म से मात्र 45 दिनों में मिलेगी 1400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की पैदावार

टमाटर का इस्तेमाल सब्जियों का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है।टामटर से सब्जियों का स्वाद दो गुना हो जाता है।टमाटर का सेवन करना सेहत के लिए बेहद लाभदायक है।इसे सलाद में खाया जाता है।लेकिन जुलाई महीने से टमाटर के दामों में हो रही बढ़ोतरी ने लोगो को परेशान करना शुरू कर दिया है।टमाटर के तेजी से बढ़ते दामों के कारण आम लोगो ने टमाटर खाना ही छोड़ दिया। also read : फसल बिमा योजना के पंजीकरण की बढ़ी तारीख,जल्द करे अप्लाई
इन दिनों देशभर में कई राज्यों में टमाटर का दाम आसमान छू रहे है।टमाटर के 200 -250 रूपये प्रति किलो तक बिक रहा है।टमाटर की बढ़ती कीमतों के पीछे मुख्य कारण तेज भारिश और अच्छे भाव न मिलने से किसानो द्वारा टमाटर की फसल को स्वम ही नष्ट करना है।ऐसे में किसान टमाटर की नई किस्म मंधरी 4266 की खेती कर मात्र 45 दिनों में बम्पर कमाई कर सकते है।
टमाटर की नई किस्म नामधारी किसानो के लिए उपलब्ध
उत्तर प्रदेश के कानपूर चंद्रशेखर आजाद कृषि एव पोधोगिक विश्विधालय के कृषि वेझेनिको ने टमाटर की खेती करने वाले किसानो के लिए एक नई किसम को विकसित किया है।जिसे नामधारी 4266 का नाम दिया गया है।टमाटर की यह नई किस्म अब किसानो को सम्पर्पित की जा चुकी है।टमाटर की इस किस्म पर कम लागत खर्च में 1,200 से 1,400 क्विंटल तक प्रति हेक्टेयर की उत्पादकता दे सकती है।टमाटर की सामान्य प्रजाति से 600 - 800 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की ही उत्पादकता किसान भाइयो को मिलती है।
टमाटर की खेती में 50 -60 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर की लागत
भारत में टमाटर की खेती हर मौसम में किसानो द्वारा सफलतापूर्वक की जारी है।कई इलाको में तो किसानो द्वारा टमाटर की खेती नियमित तरीके से साल में दो बार की जाती है।जिसमे जुलाई से अगस्त के महीने में इसकी पहली खेती और नवंबर से दिसंबर महीने में इसकी दूसरी खेती किसानो द्वारा की जाती है।टमाटर की खेती में प्रति हेक्टेयर लागत 50 -60 हजार रूपये तक आती है,जिसमे खेत तैयारी से लेकर फसल की बुआई,सिचाई,निराई खाद बीज आदि सभी खर्च शामिल होते है।टमाटर की खेती करने वाले किसान भाई टमाटर की इस उन्नत किस्म की खेती कर खूब मुनाफा थोड़े समय में कमा सकते है।
आय बढ़ाने में काफी मददगार
टमाटर की नामधारी किस्म किसानो के लिए बहुत लाभदायक है।टमाटर की यह किस्म बेल प्रकार की है।इसलिए इसकी खेती पालीहाउस में करते है।इसकी खेती में ज्यादा सिचाई की जरूरत भी नहीं होती है।इसकी सिचाई टपक विधि से आसानी से की जाती है।अगर कोई किसान भाई टमाटर की इस किसम को बुआई करना चाहते है तो चंद्रशेखर आजाद कृषि एव पोधोगिकी विश्विधालय कानपूर से इसके बीज प्राप्त कर सकते है।टमाटर की यह प्रजाति किसानो की आया बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगी।