काले चावल के उत्पादन से इन राज्यों के किसानों को हो रहा है जबरदस्त लाभ, देश विदेश हो रहा है निर्यात

आपने आज तक चावल की कई तरह किस्मे देखीं और खाई होगी। लेकिन भारत में ज्यादातर सफेद चावल ही खाया और बनाया जाता है। और सफेद चावल की पैदावार ही ज्यादा होती है। लेकिन काले चावल की खेती का नतीजा भी यह ही निकलता है। काले चावल की खेती करने से आप जबरदस्त लाभ कमा सकते है। भारत में भी काले चावल की मांग में लगातार मुनाफा हो रहा है। हाल ही में प्रधानमंत्री ने वाराणसी में कृषि के क्षेत्र पर चर्चा करते हुए काले चावल का जिक्र किया। यह चावल सेहत के लिए लाभकारी होता है।
काले चावल में मौजूद पोषक तत्व
इसमें एंटीओक्सिडेंट, विटामिन ई, फाइबर और प्रोटीन अधिक मात्रा में होता है। यही वजह है कि पिछले कुछ समय में इसकी मांग बढ़ी है। हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रोल, अर्थराइटिस, एलर्जी से जूझ रहे लोगों के लिए यह किसी दवा की तरह काम करता है। उत्तर प्रदेश का चंदौली काला चावल की पहचान बना है। यहां के कई किसान अपने खेतों में इसे उगा रहे हैं।
बता दे की करीब तीन साल पहले यहां काले चावल को प्रयोग के तौर पर उगाया गया था लेकिन देखते ही देखते इस चावल की मांग विदेशों तक पहुंच गयी। चंदौली के अलावा यूपी के मिर्जापुर में भी किसान इसकी खेती कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में भी इस चावल की अच्छी पैदावार होती है। काले धान की खेती में 8 से 10 कुंतल प्रति बीघे की पैदावार भी संभव है। काला चावल 285 रूपये किलो तक बिक जाता है। धान की अन्य किस्मों की तरह यह भी 120 से 130 दिनों में तैयार हो जाता है।also read :गर्मियों के सीज़न में इन 4 तरह की औषधीय फसलों से करे लाखों की कमाई