इस चीज की सालभर बनी रहती है अच्छी मांग, खेती करने से बंफर कमाई जानिए इसके लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियां

भारत में ज्यादातर किसानो को इस तरह शिकायत रहती है कि रबी और खरीफ कि फसलों पर अच्छा मुनाफा नहीं मिलता है ऐसा इस वजह से होता है क्योकि पुराने किसान आधुनिक फसलों कि तरफ रुख अपना रहे है। हालाँकि पिछले कुछ सालो में इस तरह के बदलाव देखने को मिल रहे है। कुछ किसान खेती के लिए अच्छा मुनाफा कमा रहे है ऐसे में किसान परम्परागत खेती से इतर नई फसलों कि खेती कर रहे है तो अदरक की खेती भी फायदे का सौदा साबित हो रही है। क्योंकि अदरक का इस्तेमाल चाय से लेकर सब्जी, अचार तक में होता है। सालभर मांग होने की वजह से अदरक की खेती में बढ़िया मुनाफा कमाते हैं।
अदरक की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
गर्म और आर्द्रता वाली जलवायु उचित मानी जाती है।1500-1800 मिमी वार्षिक बारिश वाले क्षेत्रों में खेती की जा सकती है फसल के लिए 25 डिग्री सेन्टीग्रेड, गर्मीयों में 35 डिग्री सेन्टीग्रेड तापमान जरूरी होता है, खेती बागों में अन्तरवर्तीय फसल के रूप में होती है।
भूमि
खेती के लिए जीवाशं या कार्बनिक पदार्थ बलुई दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। 5-6 ये 6 .5 पीएच मान जरूरी होता है, खेत से उचित जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए और अच्छी उपज के लिए फसल चक्र अपनाना चाहिए।
इस समय करे बुवाई
अदरक की बुवाई का उचित समय अप्रैल से मई का माना जाता है। हालांकि जून में भी बुवाई कर सकते हैं लेकिन 15 जून के बाद बुवाई करने पर कंद सड़न का डर रहता है और अंकुरण पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
खेती से पहले तैयारी
अदरक के अच्छे उत्पादन के लिए 10 -12 टन सड़ी गोबर की खाद और 2.5 किलो ट्राईकोडर्मा प्रति एकड़ खेत दर से खेत में डालना चाहिए, फिर खेत की अच्छे से गहरी जुताई कर पलेवा कर दें जिसके बाद 7 -8 दिन बाद एक बार गहरी जुताई करें। फिर कल्टीवेटर से 2 बार आड़ी-तिरछी गहरी जुताई कर पाटा कर खेत को समतल कर देना चाहिए।
सिंचाई- अदरक की खेती में मौसम और जरूरत के हिसाब से समय-समय पर सिंचाई करना पड़ता है।
मुनाफा- अदरक की फसल तैयार होने में 8-9 महीने का समय लग सकता है एक हेक्टेयर में अदरक की पैदावार 150-200 क्विंटल का उत्पादन देती है एक हेक्टेयर में अदरक की खेती में करीब 7-8 लाख रुपये तक का खर्च आ सकता है। अदरक 60 रुपये प्रति किलो के हिसाब से भी बिके तो एक हेक्टेयर में 25 लाख रुपये तक की आसानी से कमाई हो सकती है। also read : क्या है नैनो यूरिया, यहाँ जानिए इसके उपयोग की विधि, सावधानियां और दिशा निर्देश