लॉकडाउन के दौरान कड़कनाथ मुर्गा से चमकी इस किसान की किस्मत, आज विदेशो में निर्यात कर कमा रहा है लाखों का मुनाफा

 
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आज हम आपको कड़कनाथ मुर्गा पोल्ट्री बिजनेस करने वाले किसानों की पसंद के बारे में बताने जा रहे हैं। मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले से आने वाली यह प्रजाति आज दुनिया भर में पॉपुलर हो चुकी है। कड़कनाथ का काला रंग तो आकर्षण का केंद्र है। लेकिन इसके मांस और अंडे में मौजूद औषधीय गुण से इसकी डिमांड काफी बढ़ रही है। साधारण 10 साल के मुकाबले पोल्ट्री फॉर्म में इन्हें ज्यादा देखा जा रहा है। लेकिन सही प्रबंधन किया जाए तो साल भर में ही कड़कनाथ मुर्गे फार्म से अच्छी कमाई होने लगती है। अब किसानों के साथ-साथ युवा भी कड़कनाथ पालन से जुड़ रहे हैं। लॉक डाउन में नौकरी जाने के बाद भी विपिन शिवहरे ने भी कड़कनाथ पोल्ट्री फार्म खोला हैं। 

आपदा के समय अवसर में बदलते हुए 200000 रूपये की लागत से 200 मुर्गी और दो से मुर्गे खरीदते फार्म का विस्तार करने के लिए हैचरी भी लगाए और आज उनके पास में 12000 कड़कनाथ मुर्गी या है। जिनसे सालाना लाखों की आमदनी हो रही है। इस बीच विभिन्न शिवहरे अपने फार्म के कड़कनाथ मुर्गे बहरीन भी एक सपोर्ट करते हैं। वहां कड़कनाथ चिकन का काफी पसंद किया जा रहा है। विदेश में कड़कनाथ निर्यात करने पर भी विपिन शिवहरे को 70000 रूपये तक की कमाई हो रही है। 

मिली सफलता
विपिन शिवहरे ने अपने कैरियर की शुरुआत छोटी छोटी नौकरियों से की थी। पहली नौकरी 6000 रूपये की दूसरी नौकरी 9000 रूपये की और आखिरी नौकरी में 16000 रूपये प्रतिमाह की सैलरी मिलती थी। इस नौकरी से परिवार से लाता था भाई बहन की शादी हुई। लेकिन लॉक डाउन में एकमात्र कमाई का साधन भी छिन गया। कोरोनावायरस इसलिए लोग हेल्थ के लिए बेस्ट सप्लीमेंट ढूंढ रहे थे रिसर्च किया तो पता चला कि कड़कनाथ की मांग में काफी इजाफा हो रहा है और कड़कनाथ के उसके गुणों के कारण इसे पसंद भी किया जा रहा है। इससे कई डॉलर के मुकाबले इसकी कीमत भी काफी ज्यादा है। 

एक वीडियो से बदल गई किस्मत
कड़कनाथ पोल्ट्री फार्म बेशक ज्यादा मुनाफा देता है लेकिन इसमें में चूजों को खास देखभाल की आवश्यकता होती है। एक खास तरह का पैड साफ-सफाई देखभाल निगरानी भी बराबर रखनी चाहिए। जब विपिन शिवहरे पोल्ट्री फार्म खोला था। तब वह  चूजों को खिलाने के लिए दाना अरेंज नहीं कर पा रहे थे। also read : 
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हर महीने में होती हैं 40 हजार की कमाई
विपिन शिवहरे बताते हैं कि कड़कनाथ का चूजा 4 से 6 महीने के अंदर 1.5 किलोग्राम का हो जाता ह। जिसे आसानी से बाजार में बेच सकते है। एक ही चूजे की कीमत 500 रूपये है जबकि हर महीने 3000 रूपये की बिक्री हो जाती है इस तरह हर महीने 40000 रूपये की आमदनी हो जाती है। हाल ही में विपिन शिवहरे ने अपनी हेचकी  का भी पंजीकरण करवाया है।