तेज गर्मी और लू से गाय - भेसो को बचाने के लिए पशुपालक इन जरुरी बातो का रखे ख्याल

इन दिनों मौसम बदल रहा है।कभी गर्मी तो कभी बारिश। वही कुछ सालो से अचानक मौसम बदलने और अनियमित तापमान रहने से चुनोतिया बढ़ती जा रही है।किसान फसलों में नुकसान को झेल रहे है।पशुओ पर भी इसका बुरा असर हो रहा है।अचानक तापमान बढ़ने और मार्च की बारिश के बाद एक बार फिर मौसम ने रुख बदल लिया है।कई दिनी से तापमान में बढ़त दर्ज की जा रही है।खबरों के अनुसार अप्रेल से दूसरे पखवाड़े से देश के कई इलाको में अचानक तापमान बढ़ेगा और गले 2 महीने तेज गर्मी पड़ने वाली है।ऐसे में किसानो को सावधानी बरतने के साथ पशुपालको के लिए भी एडवायजरी जारी की जा रही है।पशुओ की तपती गर्मी और लू से बचाने के लिए अभी से इंतजाम करने की सलाह दी जा रही है,जिससे दूध डेयरी पर बुरा असर नहीं हो।तो चलिए जानते है इन सलाह के बारे में। also read : जानिए, गर्मियों के मौसम में पशुओं के दूध में क्यों आ जाती है कमी और इसके लिए क्या करे उपाय
इन बातो का रखे खास ध्यान
इंसान की तरह पशुओ को भी डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है।पानी की कमी होने से पशु सही दूध नहीं दे पाते है।गर्मी के दिनों में पशुओ को हरदिन 2-3 बार पानी पिलाना चाहिए।इसके अलावा पशुओ को पानी में आटा नमक मिलाकर पिलाने से लू लगने का खतरा कम होता है और पशुओ में एनर्जी बनी रहती है।
तेज गर्मी पड़ने पर पशुओ में बुखार की संभावना बढ़ जाती है।इस दौरान पशुओ की जीभ बाहर निकल आती है और पशु झाग छोड़ने लगते है।पशुओ में सास की समस्या भी पैदा हो जाती है।और वह हाफने लगते है। पशु डॉक्टर के अनुसार ये सभी लक्षण दिखने पर बीमार पशुओ को सरसो का तेल पीला सकते है।इससे एनर्जी बढ़ती है और वह स्वस्थ एनर्जेटिक महसूस करते है।
खान पान का रखे खास ध्यान
गर्मिया दुधारू पशुओ के लिए घातक साबित हो सकती है।इस दौरान बेहतर दूध उत्पादन के लिए पशुओ को एक्स्ट्रा केयर और फीड की जरूरत होती है।इस दौरान पशुओ को हरा और पौष्टिक चारा खिलाए।हरे चारे में 70 से 90 प्रतिशत पानी होता है।जिससे पशु हाइड्रेड रहते है।