किसान साथियो, हमने अपनी कल की रिपोर्ट में बताया था कि सरसों का बाजार डायनेमिक रहने वाला है। इसका मतलब यह है कि बाजार में जल्दी-जल्दी परिवर्तन होने की संभावना है। यह ऐसा समय है जब सरसों की डिमांड और सप्लाई में बड़े पैमाने पर परिवर्तन होगा। क्योंकि किसान और व्यापारी दिवाली से पहले ही अपना माल बेचने की कोशिश करेंगे, इसलिए सरसों की सप्लाई बढ़ेगी। दिवाली की डिमांड को पूरी करने के लिए खरीद भी ज्यादा रहेगी। दोस्तों, आपके लिए यह जानना जरूरी है कि दिवाली के त्योहार के लिए जो सरसों तेल की डिमांड निकलेगी, उसकी पूर्ति के लिए सरसों की खरीद दिवाली से कुछ दिन पहले ही पूरी कर ली जाएगी। क्योंकि तेल बनाने और उसको बाजार तक लाने में कुछ समय खर्च होता है।
इसलिए आपको अच्छा भाव लेने के लिए दिवाली के त्योहार से थोड़े दिन पहले ही अपना माल निकालने का मौका ढूंढना होगा। ऐसी डायनेमिक परिस्थिति में आपको सतर्क रहने की जरूरत है। हमने हमेशा यही चाहा है कि आपको सरसों का टॉप से टॉप भाव मिले और यह वही समय है जो आपको टॉप भाव दिलाने के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त है। तो दोस्तों, इस समय आपको क्या रणनीति बनानी चाहिए। माल को कब निकालना चाहिए या कब तक होल्ड करना चाहिए, इसके बारे में हम समय-समय पर अपना नजरिया आपको बताते हैं और हमें पूरा विश्वास है कि आपको हमारी रिपोर्ट से अभी तक फायदा भी मिला होगा। बहरहाल, आज की रिपोर्ट में हम सरसों की तेजी-मंदी का बारीकी से विश्लेषण करने वाले हैं। अगर आपने अभी तक सरसों को नहीं बेचा है, तो आपके लिए यह रिपोर्ट सबसे ज्यादा जरूरी है।
ताजा मार्केट अपडेट
दोस्तों, हमने अपनी कल की रिपोर्ट में सुबह ही बता दिया था कि आज सरसों की आवक बढ़ सकती है, इसलिए सरसों के भाव नर्म हो सकते हैं। बाजार में ठीक ऐसा ही देखने को मिला भी। तेल मिलों की खरीद कमजोर रहने एवं नैफेड की बिकवाली बढ़ने के चलते बाजार पर और दबाव आया, जिससे मंगलवार को लगातार दूसरे दिन सरसों के भाव में कमजोरी दर्ज की गई। जयपुर में कंडीशन 42% की सरसों के दाम 25 रुपये घटकर भाव 7,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। भारतपुर मंडी में भी कमजोरी का रुझान जारी रहा और सरसों के भाव कमजोर होकर ₹6600 प्रति क्विंटल के रह गए। अन्य मुख्य व्यापार केंद्रों की बात करें तो दिल्ली में सरसों 6700, चरखी दादरी में 6675, अलवर में 6675, बरवाला में 6300, हिसार में 6200, मुरैना में 6200, ग्वालियर में 6500, खैरथल में 6675, टोंक में 6655, निवाई में 6675 और सिवानी में 6450 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से सरसों में व्यापार हुआ। सरसों की आवक में बढ़ोतरी जारी रही और सरसों की दैनिक आवक बढ़कर 3.50 लाख बोरियों की हुई।
प्लांटों पर भाव में गिरावट
ब्रांडेड तेल मिलों ने सरसों के भाव में गिरावट कर दी। मुख्य प्लांटों पर भाव इस प्रकार से रहे। वंश सीतापुर प्लांट पर सरसों का रेट 7000 पर स्थिर रहा। आगरा में बीपी और शारदा प्लांट पर सरसों के भाव ₹50 तक कमजोर हुए। अंतिम भाव क्रमशः 7150 और 7200 प्रति क्विंटल का रहा। सलोनी प्लांट ने भी सरसों के भाव को कमजोर किया। सलोनी प्लांट पर सरसों का भाव ₹50 कमजोर हुआ और अंतिम भाव 7600 प्रति क्विंटल का रहा। गोयल कोटा प्लांट पर सरसों के रेट 6850 के रहे। अदानी अलवर और बूंदी प्लांट ने भी सरसों के भाव को ₹50 कमजोर किया और अंतिम भाव 7075 प्रति क्विंटल के रहे।
हाजिर मंडियों के ताजा भाव
हाजिर मंडियों के ताजा भाव को देखें तो देवली मंडी में सरसों का रेट ₹5200-6700 प्रति क्विंटल (42% सरसों ₹6650-6700 प्रति क्विंटल), जैतसर मंडी: ₹5926-6216 प्रति क्विंटल, सूरतगढ़ मंडी: ₹5717-6145 प्रति क्विंटल, बीकानेर मंडी: ₹5500-6051 प्रति क्विंटल, श्री विजयनगर मंडी: ₹6278-5853 प्रति क्विंटल, भट्टू मंडी: ₹6266 प्रति क्विंटल, अनूपगढ़ मंडी: ₹6135-6271 प्रति क्विंटल, आदमपुर मंडी: ₹6330 प्रति क्विंटल, सिरसा मंडी: ₹5800-6440 प्रति क्विंटल, ऐलनाबाद मंडी: ₹5850-6471 प्रति क्विंटल, श्री गंगानगर मंडी: ₹5800-6289 प्रति क्विंटल, नोहर मंडी: ₹6000-6535 प्रति क्विंटल, नोखा मंडी: ₹5700-5950 प्रति क्विंटल और पीलीबंगा मंडी में सरसों का रेट ₹6055-6200 प्रति क्विंटल तक रहा।
विदेशी बाजारों की अपडेट
विदेशी बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में मिलाजुला रुख रहा। जहां मलेशियाई पाम तेल के भाव में सुधार आया, वहीं शिकागो में सोया तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। इंडोनेशिया द्वारा पाम तेल के अक्टूबर के संदर्भ मूल्य को बढ़ाने के निर्णय से मलेशियाई पाम तेल के दाम तेज हुए हैं।
मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, BMD पर दिसंबर डिलीवरी के पाम तेल वायदा अनुबंध में 14 रिंगिट यानी कि 0.35 फीसदी की तेजी के बाद भाव 4,009 रिंगिट प्रति टन हो गए। जबकि शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड पर सोया तेल की कीमतों में 0.97% की गिरावट दर्ज की गई। चीन के गोल्डन वीक की छुट्टी के कारण चीन के बाजार बंद रहे। इंडोनेशिया ने अक्टूबर के लिए कच्चे पाम तेल के संदर्भ मूल्य को 54 डॉलर बढ़ाकर 893.64 कर दिया है, जिसके चलते मलेशियाई बाजार में तेजी दिखी। आज भी मलेशियाई बाजार हरे निशान में 1.17% की तेजी के साथ कारोबार कर रहे हैं।
तेल और खल के भाव
मंगलवार को सरसों तेल और खल के भाव में गिरावट दर्ज की गई। कच्ची घानी सरसों तेल के भाव 15 रुपये कमजोर होकर 1445 रुपये प्रति 10 किलो रह गए, जबकि सरसों एक्सपेलर तेल के दाम भी 15 रुपये घटकर 1435 रुपये प्रति 10 किलो रह गए। हालांकि सरसों खल के भाव तेज हुए। खल के रेट भाव 15 रुपये तेज होकर 2,640 रुपये प्रति क्विंटल हो गए।
सरसों की आवक में बढ़ोतरी
प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में सरसों की दैनिक आवकों में बढ़ोतरी दर्ज की गई। कुल आवक साढ़े 3 लाख बोरी की हुई। व्यापारियों का मानना है कि स्टॉकिस्टों के साथ ही किसान के पास इस समय सरसों का बकाया स्टॉक सीमित मात्रा में ही बचा हुआ है। इसलिए बड़ी मात्रा में आवक बढ़ने की संभावना कम है। चूंकि सरसों के भाव सीज़न के टॉप भाव के आसपास चल रहे हैं, इसलिए किसान मंडियों में अपनी सरसों को लेकर आ रहे हैं जिससे आवक बढ़ी है। व्यापारियों के अनुसार खपत का सीजन होने के कारण घरेलू बाजार में सरसों तेल में मांग अभी बनी रहेगी, इसलिए बड़ी गिरावट की संभावना कम है। राज्यवार आवक को देखें तो राजस्थान की मंडियों में सरसों की 1.60 लाख बोरी, मध्य प्रदेश की मंडियों में 40 हजार बोरी, उत्तर प्रदेश की मंडियों में 50 हजार बोरी, पंजाब एवं हरियाणा की मंडियों में 15 हजार बोरी तथा गुजरात में 15 हजार बोरी, एवं अन्य राज्यों की मंडियों में 65 हजार बोरियों की आवक हुई।
क्या सरसों को रोकना सही है
दोस्तों, हमने अपनी कल की रिपोर्ट में भी बताया था परिस्थिति लगभग वैसे ही रहने वाली है। विदेशी बाजार की तेजी-मंदी थोड़ा बहुत बाजार को ऊपर-नीचे करेगी, लेकिन मोटे तौर पर यह हफ्ता घरेलू सरसों की बाजार के लिए घरेलू घटकों के हिसाब से चलने वाला है। कहने का मतलब यह है कि अगर सरसों की आवक कमजोर रहती है, तो इसमें 100-200 रुपये का उछाल भी देखने को मिल सकता है। इसके विपरीत, यदि सरसों की आवक 3 लाख बोरी के ऊपर बनी रहती है, तो जयपुर में अगला भाव 6900 के आसपास आकर सपोर्ट लेगा। विदेशी बाजारों में खाद्य तेलों को लेकर न ही बहुत बड़ी तेजी का अनुमान है और न ही बहुत बड़ी मंदी का। इसलिए ऐसा नहीं लगता कि विदेशी बाजार अभी सरसों की बाजार को ज्यादा प्रभावित करने वाले हैं। इसलिए सरसों का बाजार अभी घरेलू फंडामेंटल पर ही चलने वाला है। अगले एक हफ्ते में सरसों के भाव 6900 से 7050 की रेंज में रहने का अनुमान है। दोस्तो अगर आपने सरसों को अभी तक होल्ड किया हुआ है, तो हमारा यह मानना है कि भाव इस समय अच्छे चल रहे हैं और आपको समय रहते माल निकाल देना चाहिए। 100-200 रुपये की तेजी के चक्कर में आपको नुकसान हो सकता है। दिवाली के त्योहार के बाद सरसों के भाव में गिरावट का दौर एक बार फिर से शुरू हो सकता है, इसलिए आपको समय रहते अपने माल को निकाल देना चाहिए। व्यापार अपने विवेक से करें।