सरसों साप्ताहिक तेजी मंदी रिपोर्ट: नमस्कार किसान साथियों चालू सीजन में सरसों के दाम बीते तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुके है। इस सीजन में जयपुर कंडीशन की सरसों के दाम अब तक 7125 रुपये के लेवल तक पहुँच चुके है, इससे पहले ये भाव हमे तीन साल पहले देखने को मिले थे। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या त्योहारी सीजन के चलते आने वाले दिनों में तेलों की मांग बढ़ने से सरसों की कीमतों में और कितनी तेजी आने की संभावना है?
सरसों में कितनी आई तेजी मंदी
दोस्तों पिछले हफ्ते की बात करें तो सारों भाव उठापटक के साथ लगभग स्थिर ही रहे। पिछले हफ्ते सोमवार को जयपुर कंधीशन सरसों का भाव 7000 रुपये पर खुला जो की हफ्ते के आखरी कारोबारी दिन यानी शनिवार शाम घटबढ़ के बाद 7000 रुपये पर बंद हुआ।
पिछले सप्ताह के दौरान सरसो में मांग सिमित रहने से मिला-जुला रूख दर्ज हुआ, कच्चे माल की शॉर्टेज और तेलों में तेजी ने सरसों के भाव को 3 साल के उच्च स्तर 7125 पर पहुंचाया।
सरसों की वर्तमान स्थति
सरकारी नीलामी में उम्मीद से कम स्टॉक की बिकवाली के चलते सरसों की उपलब्धता टाइट है। अब तक नाफेड ने कुल 3.73 लाख टन सरसो की बिकवाली की है। सरकारी एजेंसियों के पास अब भी करीब 23.50 लाख टन उपलब्ध है किसान/स्टॉकिस्ट के पास स्टॉक सिमित ही रह गया है इसलिए मिलें अब सरकारी नीलामी पर निर्भर रहेगी।
मौजूदा स्तरों से तेल की तेजी भी सिमित होने से मीलों की ऊपर में खरीदारी कुछ सुस्त पड़ी है। वहीं खल का सपोर्ट ना मिलने से सरसो की तेजी पर लगाम।
सरसों भाव में तेजी मंदी के कितने आसार
उधर त्योहारी डिमांड और आयातित तेलों की सप्लाई कम होने से बड़ी मंदी फिलहाल नहीं नजर आती। वहीं जयपुर कच्ची घानी की कीमतें भी 14,500/15,00 के क़रीब अटक सकती है।
बारिश के कारण सरसो की बुवाई में देरी होने से भी फिलहाल सरसो को सपोर्ट मिल रहा है। कुल मिलाकर सरसो, सरसो तेल यहाँ से दिवाली तक एक सिमित दायरे में रहेंगे। दिवाली के बाद सरसो में आमतौर बिकवाली देखने को मिलती है इसलिए 150-200 रुपये का उछाल मिलने पर सरसो में मुनाफावसूली करने की राय।
डिस्क्लेमर – व्यापार खुद के विवेक से करें। किसी भी प्रकार के नफे या नुकसान (nafa nuksan) की हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।