घरेलू बाजार में तेल मिलों की खरीद बढ़ने के चलते बुधवार को सरसों के भाव में तेजी देखने को मिला। इस दौरान जयपुर सरसों रेट में 100 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी के साथ कीमत 6125 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। कुल आवक सरसों उत्पादन मंडियों में दैनिक आवक 12.25 लाख बोरी तक पहुंची।
Sarso Teji Mandi Report
वर्ल्ड मार्केट में खाद्दय तेलों के दाम में मिलजुला असर देखा गया। मलेशियाई पाम तेल के रेट शाम के दौरान हल्का सुधार देखने को मिला। वहीं शिकागो में सोया तेल रेट में कमजोरी देखने को मिली। डालियान में खाद्य तेलों में भी मिलजुला असर देखा गया।
Sarso Teji Mandi Report: व्यापारियों के मुताबिक खाद्धय तेलों की कीमतों में विश्व बाजार (World Market) एकतरफा बड़ी तेजी के आसार नहीं है। ऐसे में घरेलू बाजार में भी इसकी कीमत सीमित तेजी या फिर मंदी बनी रहने की संभावना है।
सरसों उत्पादन मंडियों में आवक की बात करें तो दैनिक आवक में बढ़त देखने को मिली है। जानकारों के मुताबिक सरसों उत्पादन राज्यों में मौसम साफ रहता है तो फिर होली के बाद सरसों की आवक में और बढ़ोतरी होगा।
वही खपत के सीजन के चलते घरेलू बाजार में सरसों तेल की मांग अभी बनी रहेगी। वहीं इसकी तेजी या फिर मंदी काफी हृद तक आयातित खाद्य तेलों की कीमत पर ही निर्भर रहने वाली है।
बता दें कि बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज बीएमडी मई का पाम तेल वायदा बर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स एक्सचेंज, बीएमडी पर अनुबंध में 1 रिंगिट यानी 0.03% का उछाल के साथ कीमत 4489 रिंगिट प्रति टन हुआ। वहीं डालियान केसबसे सक्रिय सोया तेल वायदा अनुबंध में 0.73% कमजोर हुआ। वही दूसरी तरफ पाम तेल वायदा अनुबंध में 9.92% का तेजी देखने को मिला।
बता दें कि सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसो.ऑफ इडिया के
मुताबिक इस चालू रबी सीजन के दौरान देश में सरसों का उत्पादन 115.16 लाख टन का अनुमान है। वहीं बीते साल सरसों का उत्पादन 115.8 लाख टन के मुकाबले में थोड़ा अधिक है।
सरसों की आवक बढ़ा
देश भर की सभी अनाज मंडी में सरसों की कुल दैनिक आवक 12.25 लाख बोरी तक पहुंची है जो कि इसके पहले दिन सरसों का आवक 11.50 लाख बोरी तक हुई थी। व्यापार अपने विवेक से सोच समझ के निर्णय लें कर करें।
नोट: आज आपने जाना www.newsremind.com पर Sarso Teji Mandi Report: सरसों के भाव में तेल मिलों की खरीद बढ़ने से आया उछाल, जानें आगे कैसा रहेगा सरसों का बाजार । किसी भी फसल में तेजी या गिरावट आने वाले समय की मांग, मौसम की स्थिति और सरकार के रुख पर निर्भर करती है। ऐसे में व्यापार अपने विवेक से निर्णय लेने के बाद करे। किसी भी तरह की हानि होने पर हम जिम्मेवार नहीं होंगे।