जम्मू और कश्मीर में सर्दियों के दौरान स्कूलों का अवकाश 11 दिसंबर 2024 से शुरू हो गया है, जो 28 फरवरी 2025 तक रहेगा। ऑनलाइन शिक्षण के माध्यम से छात्रों को पढ़ाई में मदद मिलेगी, और 2025 से परीक्षाओं का नया शेड्यूल भी लागू होगा।
जम्मू और कश्मीर घाटी में सर्दियों के मौसम के आगमन के साथ ही सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में अवकाश की प्रक्रिया शुरू हो गई है। 11 दिसंबर 2024 से, प्राथमिक और प्राइमरी स्तर के स्कूलों में पहले चरण के तहत अवकाश घोषित कर दिया गया है। यह विशेष अवकाश हर साल सर्दियों की ठिठुरन को ध्यान में रखते हुए बच्चों की सुरक्षा और आराम के लिए प्रदान किया जाता है। जम्मू और कश्मीर में सर्दियों के इस कठोर मौसम में यह अवकाश छात्रों के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है।
प्राथमिक और प्राइमरी स्कूलों के लिए शीतकालीन अवकाश
प्राथमिक और प्राइमरी स्कूलों के लिए शीतकालीन अवकाश 28 फरवरी 2025 तक रहेगा। इस दौरान न केवल छात्रों को आराम का समय मिलेगा, बल्कि वे अपने परिवार के साथ समय बिता सकेंगे। घाटी में सर्दी इतनी तीव्र होती है कि बच्चों को घर पर सुरक्षित और गर्म रखना आवश्यक होता है। इस अवकाश की घोषणा, छात्रों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से की गई है।
छठी से 12वीं कक्षा के लिए शीतकालीन अवकाश
दूसरे चरण के तहत, 16 दिसंबर 2024 से छठी से लेकर बारहवीं कक्षा तक के स्कूलों में भी शीतकालीन अवकाश की घोषणा की गई है। यह अवकाश भी 28 फरवरी 2025 तक रहेगा। यह निर्णय छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिहाज से लिया गया है, ताकि वे सर्दी के दौरान घर पर आराम से रह सकें और ठंड से बच सकें।
ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था
शिक्षा विभाग ने छात्रों की पढ़ाई पर कोई असर न पड़े, इसके लिए विशेष व्यवस्था की है। स्कूलों के शिक्षक अब ऑनलाइन माध्यम से छात्रों को पढ़ाई में सहायता प्रदान करेंगे। यह कदम खासकर उन बच्चों के लिए मददगार होगा जो घर पर रहकर अपनी पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं। शिक्षक छात्रों को पाठ्यक्रम से संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए ऑनलाइन मार्गदर्शन देंगे और आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे। इसके अलावा, 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षाओं की परीक्षाओं की तैयारी के लिए अध्यापकों को विशेष निर्देश दिए गए हैं।
परीक्षाओं की तैयारी और शेड्यूल
2025 में होने वाली 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षाओं की परीक्षाएं मार्च-अप्रैल में आयोजित की जाएंगी। शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षकों को 10 फरवरी 2025 को स्कूलों में रिपोर्ट करने का आदेश दिया है, ताकि वे परीक्षाओं की तैयारी के लिए छात्रों को मार्गदर्शन दे सकें। इसके अतिरिक्त, शिक्षा मंत्री सकीना इट्टू ने घोषणा की है कि 2025 से इन परीक्षाओं का आयोजन अक्टूबर-नवंबर सत्र में किया जाएगा। यह कदम शिक्षा सत्र को व्यवस्थित और समयबद्ध बनाने के लिए उठाया गया है।
नई परीक्षा नीति और अक्टूबर-नवंबर सत्र का महत्व
घाटी में बनी नई सरकार ने मार्च-अप्रैल सत्र को बदलकर अक्टूबर-नवंबर सत्र में परीक्षाएं आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस बदलाव के बाद, 8वीं कक्षा तक की परीक्षाएं अक्टूबर-नवंबर सत्र में ही संपन्न हो चुकी हैं और उनके परिणाम भी घोषित किए जा चुके हैं। यह बदलाव छात्रों को सर्दियों में अतिरिक्त समय देने के उद्देश्य से किया गया है, ताकि वे अच्छे से अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें और शीतकालीन अवकाश का आनंद ले सकें।
विंटर जोन में हर साल सर्दियों का अवकाश
जम्मू और कश्मीर के विंटर जोन में हर साल सर्दियों के मौसम में स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया जाता है। यह निर्णय कठोर सर्दी और ठंड को ध्यान में रखते हुए लिया जाता है। इस दौरान शैक्षणिक संस्थानों का कामकाज मार्च महीने में फिर से शुरू होता है। इस प्रक्रिया से छात्रों को सर्दियों की छुट्टियों में आराम मिलता है और वे फिर से अपने पाठ्यक्रम की ओर लौट सकते हैं।