School Holiday: अक्टूबर का महीना जहां एक ओर त्योहारों की खुशियों से भरा हुआ है वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में शिक्षकों का आंदोलन नई चुनौतियां पेश कर रहा है. शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने 24 अक्टूबर को सामूहिक अवकाश का ऐलान कर दिया है जिससे स्कूली शिक्षा पर असर पड़ने की संभावना है.
बिलासपुर में निर्णय और आंदोलन की तैयारी
बिलासपुर जिले में हाल ही में आयोजित बैठक (Bilaspur District Meeting) में शिक्षकों ने 24 अक्टूबर को धरना और रैली में भाग लेने का निर्णय लिया. इस बैठक में शिक्षकों की मुख्य मांगों पर चर्चा की गई और सभी शिक्षकों से इस आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया गया.
राजनांदगांव में भी स्कूलों में तालाबंदी की योजना
राजनांदगांव में भी 24 अक्टूबर को स्कूलों में तालाबंदी का ऐलान किया गया है (Rajnandgaon School Lockdown). यहाँ के शिक्षक विभिन्न मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए ज्ञापन सौंप चुके हैं और यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो बड़े आंदोलन की धमकी दी गई है.
प्रमुख मांगें और शिक्षकों की आवाज
शिक्षकों की प्रमुख मांगों में शामिल हैं: पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme), वेतन विसंगतियों का समाधान, क्रमोन्नति वेतनमान और समयमान वेतनमान का निर्धारण, और लंबित महंगाई भत्ते का भुगतान. इन मांगों को पूरा करने के लिए शिक्षक न केवल एक दिन का अवकाश ले रहे हैं बल्कि एक व्यापक आंदोलन की ओर अग्रसर हैं.
शिक्षा पर पड़ने वाला असर और समाधान की दिशा
इस आंदोलन के चलते शिक्षा क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभावों को देखते हुए यह आवश्यक है कि सरकार और शिक्षक संघों के बीच संवाद स्थापित किया जाए और एक स्थायी समाधान की दिशा में कदम बढ़ाया जाए. ताकि शिक्षा के सुचारू संचालन में कोई बाधा न आए और शिक्षकों की वाजिब मांगों का समाधान हो सके.