School Holidays: उत्तर प्रदेश में परिषदीय स्कूलों के शिक्षक संगठनों ने 15 मार्च (भैया दूज) और 28 मार्च (रमज़ान का अंतिम शुक्रवार) को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की है. शिक्षकों का कहना है कि इन दिनों स्कूल खोलने से न केवल शिक्षकों बल्कि विद्यार्थियों को भी असुविधा होगी. प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन ने इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशक को ज्ञापन सौंपा है.
15 मार्च को अवकाश क्यों जरूरी?
शिक्षक संगठन के अनुसार, 13 और 14 मार्च को होली का अवकाश निर्धारित है. इसके बाद 15 मार्च को स्कूल दोबारा खुलेंगे. लेकिन इस दिन भैया दूज का त्योहार भी है. जिसे भाई-बहन के पवित्र प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है.
- इस दिन परिवारों में विशेष पूजा-पाठ और मिलन समारोह होते हैं.
- कई शिक्षक और विद्यार्थी त्योहार मनाने के लिए अपने गृह जनपद जाते हैं और 15 मार्च को स्कूल आना उनके लिए कठिन होगा.
- संगठन का कहना है कि त्योहारों पर परिवार के साथ समय बिताना भी जरूरी होता है. इसलिए इस दिन अवकाश दिया जाना चाहिए.
28 मार्च को रमज़ान का अंतिम शुक्रवार, छुट्टी की जरूरत क्यों?
28 मार्च को रमज़ान का आखिरी शुक्रवार है. जिसे इस्लाम धर्म में जुमातुल विदा के रूप में जाना जाता है.
- इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग विशेष नमाज अदा करते हैं और धार्मिक कार्यों में व्यस्त रहते हैं.
- इस अवसर पर शिक्षकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति स्कूलों में कम रहने की संभावना है.
- साथ ही, 31 मार्च को ईद उल-फितर भी मनाई जाएगी. जिससे त्योहार की तैयारियों के कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है.
- इसलिए शिक्षक संगठन का कहना है कि इस दिन अवकाश घोषित किया जाना चाहिए.
वार्षिक परीक्षाओं के कार्यक्रम पर असर
उत्तर प्रदेश परिषद ने 24 से 28 मार्च तक वार्षिक परीक्षाएं आयोजित करने का प्रस्ताव रखा है. शिक्षक संगठनों का कहना है कि इस कार्यक्रम से शिक्षकों और विद्यार्थियों को त्योहारों के दौरान परेशानी हो सकती है.
- 28 मार्च को रमज़ान का अंतिम शुक्रवार होने की वजह से मुस्लिम विद्यार्थियों और शिक्षकों की उपस्थिति काफी कम रहेगी.
- ऐसे में परीक्षाओं पर भी प्रभाव पड़ेगा. जिससे परीक्षा संचालन में दिक्कतें आ सकती हैं.
- संगठन ने 28 मार्च को प्रस्तावित परीक्षाओं को स्थगित कर 29 मार्च को कराने की मांग की है ताकि सभी विद्यार्थी बिना किसी असुविधा के परीक्षा दे सकें.
शिक्षक संगठन की अपील और ज्ञापन सौंपा गया
शिक्षकों के प्रदेशस्तरीय संगठन प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत कई शिक्षक अपने गृह जनपद से दूर विभिन्न विकासखंडों में सेवा दे रहे हैं.
- त्योहारों के अवसर पर उन्हें अपने परिवार के साथ समय बिताने का अवसर मिलना चाहिए.
- इसी कारण 15 और 28 मार्च को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की गई है.
- शिक्षक संगठन ने इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशक को ज्ञापन सौंपा है और इस मुद्दे पर जल्द निर्णय लेने का अनुरोध किया है.
छुट्टी की मांग को लेकर क्या कहते हैं शिक्षक?
प्रदेश के कई शिक्षकों ने सोशल मीडिया और शिक्षक संगठनों के माध्यम से अपनी राय व्यक्त की है. उनका कहना है कि:
- होली के बाद भैया दूज पर छुट्टी मिलनी चाहिए. क्योंकि कई शिक्षक और विद्यार्थी दूसरे शहरों में रहते हैं और उन्हें लौटने में परेशानी होगी.
- रमज़ान के अंतिम शुक्रवार को अवकाश न होने से मुस्लिम विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए कठिनाई होगी. जिससे परीक्षा में भाग लेना मुश्किल हो सकता है.
- परीक्षाएं त्योहारों के दौरान न रखी जाएं. ताकि विद्यार्थी ध्यानपूर्वक पढ़ाई कर सकें और परीक्षा अच्छी तरह दे सकें.
सरकार का क्या रुख रहेगा?
- उत्तर प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग इस मांग पर विचार कर सकते हैं, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
- यदि इस बार भी छुट्टी का प्रस्ताव स्वीकृत होता है, तो विद्यार्थियों और शिक्षकों को राहत मिल सकती है.
- शिक्षकों और विद्यार्थियों की सुविधा के मद्देनजर सरकार इस मांग को स्वीकार कर सकती है.
- इससे पहले भी कई बार त्योहारों पर अवकाश को लेकर शिक्षक संगठनों ने मांग की थी, जिसे प्रशासन ने स्वीकार किया था.