School Summer Homework: पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग ने गर्मी की छुट्टियों के दौरान छात्रों की पढ़ाई को जारी रखने के लिए एक नई पहल की है. विभाग ने कक्षा 6वीं से 10वीं तक के छात्रों के लिए विभिन्न विषयों में विशेष होमवर्क तैयार किया है, जो PDF फॉर्मेट में उपलब्ध है और PunjabEducare ऐप पर अपलोड कर दिया गया है.
6वीं से 10वीं तक के छात्रों के लिए अलग-अलग विषयों में अभ्यास
जिन छात्रों को यह होमवर्क दिया जाएगा. वे अंग्रेज़ी, पंजाबी, गणित, ईवीएस, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में अभ्यास करेंगे. इस अभ्यास सामग्री को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह छात्रों की समझ, सोच और रचनात्मकता को बढ़ाए.
PDF फॉर्मेट में उपलब्ध
छात्र और अभिभावक इस होमवर्क को PunjabEducare मोबाइल ऐप के माध्यम से PDF के रूप में डाउनलोड कर सकते हैं. यह ऐप पहले से ही राज्य में पढ़ाई से जुड़ी सामग्रियों के वितरण के लिए एक प्रमुख डिजिटल माध्यम बना हुआ है. अब होमवर्क भी इसी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा ताकि सभी छात्रों को सुगमता से सामग्री मिल सके.
SCERT ने जारी किए निर्देश
राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने इस संबंध में एक आधिकारिक पत्र जारी किया है. इस पत्र में सभी स्कूल प्रमुखों और अध्यापकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस होमवर्क को समय पर छात्रों तक पहुंचाएं. इस प्रक्रिया की समीक्षा और निगरानी की जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन पर होगी.
छुट्टियों में भी पढ़ाई से बनेगा जुड़ाव
SCERT डायरेक्टर अरविंद कौर ने जानकारी दी कि इस पहल का उद्देश्य यह है कि गर्मी की छुट्टियों में भी छात्रों का शैक्षणिक जुड़ाव बना रहे. छुट्टियां आमतौर पर छात्रों के लिए अध्ययन से दूरी का समय बन जाती हैं, जिससे नया सत्र शुरू होने पर सीखने में बाधा आती है. इस पहल से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि छात्रों की सीखने की प्रक्रिया निरंतर बनी रहे.
छुट्टियों को बनाएं सीखने का अवसर
पंजाब सरकार की यह पहल यह दिखाती है कि राज्य शिक्षा विभाग छात्रों की समग्र प्रगति के लिए समर्पित है. छुट्टियों के दौरान घर पर रहकर पढ़ाई करना जहां छात्रों को संतुलित जीवन शैली सिखाएगा. वहीं वे आत्म-अध्ययन की आदत भी विकसित करेंगे.
आगे क्या?
शिक्षा विभाग ने संकेत दिए हैं कि यदि यह गर्मी की छुट्टियों में होमवर्क देने की योजना सफल होती है, तो इसे आगामी वर्षों में नियमित अभ्यास के रूप में अपनाया जा सकता है. इससे छात्रों की शैक्षणिक गुणवत्ता और परीक्षा परिणाम दोनों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकता है.