Schools Recognition: जिले के विभिन्न निजी स्कूलों में सुरक्षा नियमों की अनदेखी पर शिक्षा विभाग ने कड़ा कदम उठाया है. विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए फायर सेफ्टी और बिल्डिंग सेफ्टी सर्टिफिकेट जमा न करवाने वाले छह प्राइवेट स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी गई है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने पहले ही इन स्कूलों को समय पर सुरक्षा प्रमाण पत्र जमा करने के निर्देश दिए थे. लेकिन आदेशों की अवहेलना करने पर यह सख्त कदम उठाया गया है.
किन स्कूलों की मान्यता हुई रद्द?
डी.ई.ओ. (सैकेंडरी) भूपिंद्र कौर ने जानकारी दी कि जिन स्कूलों की मान्यता रद्द की गई है. उनमें यूनिक पब्लिक स्कूल बुढलाडा, रणवीर इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल मत्ती, गुरुनानक देव पब्लिक स्कूल बुढलाडा, सर्व हितकारी विद्या मंदिर दूलोवाल, शिवालिक पब्लिक स्कूल सरदूलगढ़ और दशमेश सर्व हितकारी विद्या मंदिर सरदूलगढ़ शामिल हैं. इन स्कूलों को पहले ही समय-समय पर नोटिस जारी किए गए थे. लेकिन निर्धारित समय तक सुरक्षा प्रमाण पत्र जमा नहीं करवाने के कारण अब उनकी मान्यता समाप्त कर दी गई है.
फायर सेफ्टी और बिल्डिंग सेफ्टी सर्टिफिकेट क्यों जरूरी?
फायर सेफ्टी और बिल्डिंग सेफ्टी सर्टिफिकेट किसी भी शैक्षणिक संस्थान के लिए अनिवार्य होते हैं. इन प्रमाणपत्रों से यह सुनिश्चित किया जाता है कि स्कूल की बिल्डिंग सुरक्षित है और आग लगने जैसी अप्रत्याशित परिस्थितियों से निपटने के लिए आवश्यक सुविधाएं मौजूद हैं. इन सुरक्षा उपायों के बिना बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है. इसलिए शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर इन प्रमाणपत्रों को अपडेट करने के निर्देश दिए जाते हैं.
प्रशासन की कड़ी कार्रवाई का उद्देश्य
शिक्षा विभाग द्वारा यह कार्रवाई विद्यार्थियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से की गई है. कई स्कूल अपनी इमारतों की सुरक्षा जांच और अग्नि सुरक्षा उपायों को पूरा करने में लापरवाही बरतते हैं. जिससे विद्यार्थियों की जान को खतरा हो सकता है. प्रशासन ने साफ किया है कि भविष्य में भी सुरक्षा मानकों का पालन न करने वाले स्कूलों पर इसी तरह की सख्त कार्रवाई की जाएगी.
अभिभावकों की प्रतिक्रिया
इस फैसले के बाद अभिभावकों में मिलीजुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. कुछ माता-पिता का कहना है कि यह कदम छात्रों की सुरक्षा के लिए सही है. जबकि कुछ अन्य चिंतित हैं कि मान्यता रद्द होने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है. कई अभिभावकों ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि जिन स्कूलों की मान्यता रद्द की गई है. उनके छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उचित विकल्प उपलब्ध कराए जाएं.
स्कूल प्रबंधन की सफाई
स्कूल प्रशासन का कहना है कि उन्होंने प्रमाणपत्र जमा करने के लिए समय मांगा था, लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से इसमें देरी हुई. उनका कहना है कि वे जल्द ही सभी सुरक्षा उपाय पूरे कर लेंगे और शिक्षा विभाग से पुनः मान्यता बहाल करने की अपील करेंगे. हालांकि शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि जब तक सभी आवश्यक प्रमाण पत्र जमा नहीं हो जाते, तब तक मान्यता बहाल नहीं की जाएगी.
भविष्य में सुरक्षा नियमों को लेकर सख्ती
शिक्षा विभाग ने यह भी निर्देश दिए हैं कि सभी स्कूलों को समय-समय पर अपनी बिल्डिंग और अग्नि सुरक्षा व्यवस्था की जांच करवानी होगी. इसके अलावा स्कूल प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी इमारतें किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. यदि कोई स्कूल इन मानकों का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.