हिन्दू पंचांग के मुताबिक, हर महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए दो प्रदोष व्रत रखे जाते है ये व्रत हिन्दू महीने के दोनों पक्षों की त्रोयदशी तिथि पर रखा जाता है वही अलग अलग दिन पड़ने की वजह से इसका संयोग भी बेहद खास रहता है इस साल 2024 का पहले शनि प्रदोष व्रत का संयोग अप्रैल में बन रहा है वही शनि भगवान शिव के भक्त है इसलिए ये व्रत बहुत ही खास माना जाता है। ऐसे में आइए जान लेते है शनि प्रदोष व्रत की पूजा विधि, और मंत्र के बारे में जान लेते है।
कब है शनि प्रदोष 2024?
पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 6 अप्रैल, शनिवार की सुबह 10:19 से 07 अप्रैल, रविवार की सुबह 06:54 तक रहेगी। चूंकि प्रदोष व्रत में शाम को शिव की पूजा करने का विधान है, इसलिए ये व्रत 6 अप्रैल को किया जाएगा। शनिवार को प्रदोष व्रत होने से ये शनि प्रदोष कहलाएगा।
शनि प्रदोष 2024 पूजा के शुभ योग-मुहूर्त
आपको बता दे, 6 अप्रैल शनिवार के दिन शतभिषा नक्षत्र होने से आनंद नाम का शुभ योग बन रहा है इसके साथ ही शुक्ल और ब्रह्म नाम के 2 अन्य शुभ योग इस दिन बन रहे है इसके साथ ही प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा शाम को प्रदोष काल में करने का विधान है। वही 6 अप्रैल को शनि प्रदोष का शुभ मुहूर्त शाम 06:42 से रात 08:58 तक रहेगा।
शनि प्रदोष व्रत की विधि
6 अप्रैल, शनिवार की सुबह सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद में हाथ में चावल और जल लेकर व्रत पूजा का संकल्प लेवे। इसके बाद में व्रत के नियमों का पालन करे। और मन में गलत विचार न लाए। किसी पर क्रोध न करे। इसके साथ ही शिवजी के मंत्र का जाप करे। वही शाम को ऊपर बताए गए मुहूर्त में शिवजी की पूजा करे। इसके साथ ही आप अपनी इच्छा के मुताबिक पूजा कर सकते है। इसके बाद में शिवजी के सामने दीपक जलाएँ और उन्हें बिल्व पत्र, धतूरा, रोली, चावल आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाएं। वही अंत में शिवजी को भोग अर्पित करे और आरती करे। इससे आपकी सभी परेशानी दूर होगी।