भारत की कुल ऊर्जा क्षमता में अक्षय ऊर्जा की हिस्सेदारी 2024 में पहुंची 13.85% पर
पिछले तीन सालों में भारत के बिजली क्षेत्र ने अक्षय ऊर्जा उत्पादन में काफी वृद्धि की है जिससे सरकार देश की स्वच्छ ऊर्जा पहलों को पूरा करने के अपने प्रयासों को दर्शाती है। देश की कुल ऊर्जा आपूर्ति में 2021-22 में 1,374,024 मिलियन यूनिट (MUs) से 2023-24 में 1,622,020 MU तक की वृद्धि को दर्शाता है।
हाइलाइट्स
- आज के समय में भारत के बिजली मिश्रण में अक्षय ऊर्जा की हिस्सेदारी 2023-24 में 12.99% हो गई है जो 2021-22 में 11.46% से शानदार वृद्धि को दर्शाता है।
- अक्टूबर 2024 तक भारत में अक्षय ऊर्जा कुल बिजली उत्पादन का 13.85% हिस्सा थी जिससे कुल 1,52,960.81 MU बिजली का उत्पादन होगा।
- सरकार हर साल 50 गीगावाट की बोलियां जारी करेगी जिससे FY2023-24 से FY2027-28 तक अक्षय ऊर्जा क्षमता के विस्तार को बढ़ावा मिलेगा।
भारत में नवीकरणीय ऊर्जा की बढ़ती भूमिका
आज के समय में भारत के बिजली मिश्रण में अक्षय ऊर्जा की हिस्सेदारी 2023-24 में 12.99% हो गई है जो 2021-22 में 11.46% से शानदार वृद्धि को दर्शाता है। अक्टूबर 2024 तक भारत में अक्षय ऊर्जा कुल बिजली उत्पादन का 13.85% हिस्सा थी जिससे कुल 1,52,960.81 MU बिजली का उत्पादन होगा। भारत 2030 तक 500 गीगावाट नॉन-फॉसिल फ्यूल की ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य को हासिल करने पर केंद्रित है।
सरकार की अक्षय ऊर्जा की नीतियाँ
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने अक्षय ऊर्जा अपनाने में तेजी लाने के लिए कई पहल शुरू की हैं। सरकार हर साल 50 गीगावाट की बोलियां जारी करेगी जिससे FY2023-24 से FY2027-28 तक अक्षय ऊर्जा क्षमता के विस्तार को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार सोलर, पवन, और ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं को बढ़ावा देने इंटरस्टेट क्लीन एनर्जी ट्रेड के लिए इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन एक्सेम्पशन जारी किए हैं। इसी के साथ सरकार ने 100 FDI को मंज़ूरी दी है जिससे अक्षय ऊर्जा की परियोजनाओं को आसानी मिलेगी। सरकार ने PLI योजना और ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर योजना को भी बढ़ावा दिया है जिससे भारत में डोमेस्टिक विनिर्माण, ग्रिड इंटीग्रेशन को बढ़ावा मिलता है।
भारत में अक्षय ऊर्जा का बढ़ता इंफ्रास्ट्रक्चर
नवीकरणीय ऊर्जा को और बढ़ाने के लिए भारत ने अपने बिजली के इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी मजबूत किया है। इसके लिए नई ट्रांसमिशन लाइन और सब-स्टेशन की स्थापना, हाइब्रिड पावर प्लांट को बढ़ावा देना, और बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम और पम्प्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट का विकास शामिल है।