एसआईपी भुगतान न करने पर जुर्माना : आजकल बहुत से लोग एसआईपी (सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के ज़रिए म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं। ऐसे में आपके बैंक खाते से हर महीने एक निश्चित राशि अपने आप कट जाती है। लेकिन अगर कभी खाते में कम पैसा हो और तय राशि न कट पाए, तो बैंक इसके लिए जुर्माना लगाता है।

रेडिट पर साझा किया गया एक मामला
एक रेडिट यूज़र (complex_nutmeg69420) ने बताया कि उसके पिता को बैंक को 590 रुपये की पेनल्टी देनी पड़ी। उनके पिता के आईसीआईसीआई बैंक खाते से हर महीने एसआईपी की रकम कटती थी। लेकिन एक दिन उनके मुख्य बैंक का सर्वर डाउन हो गया, जिसकी वजह से आईसीआईसीआई खाते में पैसे ट्रांसफर नहीं हो पाए और एसआईपी की रकम नहीं कट पाई। इस वजह से बैंक ने पेनल्टी लगा दी। यूज़र ने बताया कि उसने आईसीआईसीआई बैंक को ईमेल करके पेनल्टी माफ करने का अनुरोध किया है।
छोटे निवेशकों पर प्रभाव
ऐसे मामले छोटे निवेशकों के लिए बहुत नुकसानदेह हो सकते हैं। कई लोग हर महीने 500 रुपये या उससे भी कम की एसआईपी करते हैं, लेकिन अगर एक भी किस्त नहीं कटती है, तो उन्हें तय रकम से ज़्यादा का जुर्माना देना पड़ता है।
विशेषज्ञों की राय
इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रमाणित वित्तीय योजनाकार और हम फौजी इनिशिएटिव्स के सीईओ संजीव गोविला का कहना है कि भुगतान विफलता का जुर्माना अक्सर एसआईपी राशि से अधिक होता है, जो छोटे निवेशकों के लिए भारी पड़ सकता है।

बैंक जुर्माना क्यों वसूलते हैं?
जब आप किसी भी भुगतान के लिए ऑटो डेबिट सुविधा सक्रिय करते हैं—जैसे म्यूचुअल फंड एसआईपी, बीमा किस्त, या लोन ईएमआई—तो हर महीने आपके बैंक खाते से राशि अपने आप कट जाती है। यह प्रक्रिया NACH या NPCI के UPI ऑटोपे जैसी प्रणालियों के माध्यम से होती है। अगर उस समय आपके खाते में पर्याप्त धनराशि नहीं है, तो भुगतान विफल हो जाता है, और बैंक आपसे ‘विफल ऑटो डेबिट’ के लिए जुर्माना वसूलते हैं।