SIP Risk: बाजार में हाल के महीनों में आए भारी उतार-चढ़ाव ने SIP (Systematic Investment Plan) निवेशकों के मन में गंभीर सवाल पैदा कर दिए हैं। कई निवेशकों को चिंता है , इस बीच, ICICI Prudential Mutual Fund के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर (CIO) एस नरेन के बयान ने निवेशकों की चिंता को और बढ़ा दिया है, जिससे पूरे मार्केट में हलचल मच गई है।
SIP Risk के पीछे का कारण
मार्केट में लगातार उतार-चढ़ाव और आर्थिक अनिश्चितता के चलते SIP निवेशकों के लिए जोखिम का माहौल बन गया है। जब शेयर बाजार में अचानक गिरावट आती है, तो निवेशकों को अपने निवेश के भविष्य को लेकर डर हो सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आपने लंबे समय तक नियमित रूप से SIP किया है, तो ऐसी अस्थिरता का असर बहुत कम होता है। एस नरेन ने स्पष्ट किया कि SIP को पूरी तरह से छोड़ देना कोई समझदारी भरा कदम नहीं है। बल्कि, निवेशकों को अपनी Smart Investment Strategy अपनानी चाहिए।
Smart Investment Strategy अपनाने की आवश्यकता
एस नरेन का कहना है कि निवेशकों को सिर्फ एक ही SIP पर निर्भर रहने के बजाय अपने पोर्टफोलियो में विविधता (Diversification) लानी चाहिए। अलग-अलग सेक्टर और थीमेटिक फंड्स में निवेश करने से न केवल जोखिम संतुलित होता है, बल्कि मार्केट में होने वाले सुधार का भी पूरा फायदा उठाया जा सकता है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि मार्केट के ट्रेंड को समझते हुए निवेश करना चाहिए। यदि बाजार में गिरावट आ रही है, तो घबराने की बजाय SIP को जारी रखना ही बेहतर होता है, क्योंकि गिरावट के समय किए गए निवेश से भविष्य में बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना रहती है।
मार्केट में उतार-चढ़ाव: SIP निवेश में जोखिम या अवसर?
SIP Risk के चलते कुछ निवेशकों में यह सवाल उठता है कि क्या उनका प्रिंसिपल अमाउंट भी घाटे में जा सकता है। हालांकि, ऐतिहासिक आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि लंबी अवधि में नियमित SIP निवेश से कंपाउंडिंग का कमाल होता है। Small Cap और Mid Cap फंड्स ने पिछले कुछ वर्षों में जबरदस्त रिटर्न दिए हैं, जिससे कई निवेशकों ने अच्छा मुनाफा कमाया है। लेकिन अब एस नरेन की रिपोर्ट के बाद निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि मार्केट में उतार-चढ़ाव के समय भी धैर्य बनाए रखना और विविधता से निवेश करना ही Smart Investment Strategy का हिस्सा है।
निवेशकों के लिए क्या है जरूरी?
- Diversification पर ध्यान दें:
सिर्फ एक ही फंड या सेक्टर पर निर्भर रहने के बजाय, अलग-अलग सेक्टर और थीमेटिक फंड्स में निवेश करें। इससे जोखिम कम होता है और रिटर्न में स्थिरता आती है। - Regular SIP जारी रखें:
बाजार में गिरावट के समय में भी SIP बंद करने के बजाय इसे नियमित रूप से जारी रखें। गिरावट के समय किए गए निवेश से, मार्केट में सुधार आने पर रिटर्न में भी बेहतरी देखने को मिल सकती है। - Market Trend का अध्ययन करें:
मार्केट के मौजूदा ट्रेंड और आर्थिक परिस्थितियों को समझते हुए निवेश करें। सही समय पर सही निर्णय लेने से जोखिम को कम किया जा सकता है। - Expert Advice का अनुसरण करें:
ICICI Prudential जैसे प्रतिष्ठित फंड हाउस के एक्सपर्ट्स की सलाह का अनुसरण करें। एस नरेन ने बताया है कि SIP निवेश को छोड़ना नहीं चाहिए, बल्कि Smart Investment Strategy अपनानी चाहिए।
निष्कर्ष
हालांकि SIP निवेशकों को हाल ही में मार्केट में आए उतार-चढ़ाव के कारण बड़ा झटका लगा है, लेकिन ICICI Prudential Mutual Fund के CIO एस नरेन के अनुसार, SIP को पूरी तरह से छोड़ देना समझदारी नहीं है। बल्कि, निवेशकों को अपनी निवेश रणनीति में विविधता लानी चाहिए और मार्केट के ट्रेंड को समझते हुए Smart Investment Strategy अपनानी चाहिए। लंबे समय तक नियमित SIP निवेश से जोखिम कम हो जाता है।