SL Vs NZ: क्रिकेट की दुनिया में महानतम बल्लेबाजों की बात हो और सर डॉन ब्रैडमैन का नाम न आए, यह मुमकिन नहीं है। ब्रैडमैन ने टेस्ट क्रिकेट में कई ऐसे रिकॉर्ड बनाए जिनको तोड़ना मुश्किल ही नहीं, लगभग नामुमकिन सा लगता है। लेकिन, श्रीलंका का एक युवा बल्लेबाज कामिन्दु मेंडिस आज उसी रास्ते पर चलते हुए दिख रहा है। सिर्फ 25 साल की उम्र में कामिन्दु मेंडिस ने टेस्ट क्रिकेट में ऐसी शुरुआत की है जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। लोग उन्हें ‘दूसरा ब्रैडमैन’ कहने लगे हैं।
कामिन्दु मेंडिस की धमाकेदार शुरुआत (SL Vs NZ Kamindu Mendis)
Kamindu Mendis ने अब तक 8 टेस्ट मैचों में 13 पारियां खेली हैं और 1000 से ज्यादा रन बना लिए हैं। सबसे खास बात यह है कि उन्होंने इस दौरान 5 शतक ठोके हैं, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। इतना ही नहीं, मेंडिस ने डॉन ब्रैडमैन के एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड की बराबरी भी कर ली है। ब्रैडमैन ने भी अपने करियर की शुरुआती 13 पारियों में 5 शतक बनाए थे और 1000 रन पूरे किए थे। मेंडिस ने भी उतनी ही पारियों में ये दोनों उपलब्धियां हासिल कर ली हैं।
रिकॉर्ड्स की बराबरी
न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट मैच में कामिन्दु मेंडिस ने 182 रन की नाबाद पारी खेली। उनकी इस पारी में 16 चौके और 4 छक्के शामिल थे, जो बताता है कि उनका स्ट्राइक रेट 70 से ऊपर का था। इतने कम समय में इतनी बड़ी पारी खेलकर मेंडिस ने क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया। श्रीलंका और न्यूजीलैंड के बीच चल रहे इस मैच में मेंडिस को कोई आउट नहीं कर पाया, जो उनकी बेहतरीन बल्लेबाजी का सबूत है।
कुमार संगाकारा की प्रतिक्रिया
कामिन्दु मेंडिस की इस अद्वितीय बल्लेबाजी को देखकर श्रीलंका के पूर्व कप्तान और महान क्रिकेटर कुमार संगाकारा भी उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह सके। संगाकारा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने लिखा, “कामिन्दु मेंडिस, महान बनने की शुरुआत।” यह बयान दर्शाता है कि संगाकारा को इस युवा बल्लेबाज से कितनी उम्मीदें हैं।
क्या कामिन्दु मेंडिस बनेंगे दूसरा ब्रैडमैन
कामिन्दु मेंडिस ने क्रिकेट की दुनिया में जो छाप छोड़ी है, वह वाकई काबिल-ए-तारीफ है। अगर उनका प्रदर्शन इसी तरह जारी रहा, तो वह न सिर्फ ब्रैडमैन के रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं बल्कि श्रीलंका के सबसे बड़े क्रिकेट सितारे बन सकते हैं। हालांकि, क्रिकेट में निरंतरता बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। अब देखना यह है कि क्या मेंडिस अपने शानदार प्रदर्शन को बरकरार रख पाएंगे और इतिहास के पन्नों में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में लिखवा पाएंगे?