Snowfall In Himalaya: हिमालय पर बर्फबारी होने का सीधा असर उत्तर भारत के मैदानी इलाकों पर दिखाई देता है. दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे क्षेत्रों में ठंड बढ़ने का प्रमुख कारण पहाड़ी इलाकों में होने वाली बर्फबारी है. सैकड़ों किलोमीटर की दूरी के बावजूद यह बदलाव ठंडी हवाओं के कारण महसूस किया जाता है.
ठंडी हवाओं की भूमिका
भारत के उत्तर में स्थित हिमालय ठंडी हवाओं के प्रभाव को नियंत्रित करता है. यह चीन और रूस से आने वाली बर्फीली हवाओं को रोक देता है. लेकिन पश्चिमी हवाओं को रोकने में असमर्थ है. ये हवाएं पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रास्ते भारत पहुंचती हैं. यही ठंडी हवाएं (cold winds affecting plains weather) हिमालय में बर्फबारी कराती हैं और मैदानी इलाकों में ठंड का कारण बनती हैं.
भूमध्य सागर और नमी भरी हवाएं
भूमध्य सागर से आने वाली हवाएं (winds from mediterranean sea to india) अपने साथ नमी लेकर आती हैं. हिमालय के संपर्क में आने पर ये हवाएं बर्फबारी कराती हैं. जिससे वहां का तापमान बहुत कम हो जाता है. यही हवाएं मैदानी इलाकों में पहुंचकर बारिश और ठंड का कारण बनती हैं.
ठंडी और गर्म हवाओं का संतुलन
धरती का जो हिस्सा गर्म होता है. वहां से गर्म हवा ऊपर उठती है. इस खाली जगह को भरने के लिए ठंडी हवा वहां तक पहुंचती है. दिसंबर में जब पहाड़ों पर बर्फबारी होती है, तो वहां की हवाएं घनी और ठंडी हो जाती हैं. ये हवाएं (cold dense winds affecting plains) मैदानी इलाकों की गर्म हवा को हटाकर वहां ठंडक का एहसास कराती हैं.
हिमालय की बर्फबारी और मैदानी इलाकों में शीत लहर
हिमालय में बर्फबारी के बाद ठंडी हवाओं को मैदानी इलाकों तक पहुंचने में एक से दो दिन का समय लगता है. जैसे ही ये हवाएं मैदानों तक पहुंचती हैं. वहां तापमान गिरने लगता है और शीत लहर (cold wave impact in plains after snowfall) शुरू हो जाती है.
हवाओं के बहाव का नियम
हवाओं के बहने का एक नियम है. गर्म हवा हल्की होती है और ऊपर उठती है. जबकि ठंडी हवा भारी होने के कारण उसकी जगह ले लेती है. इसी प्रक्रिया के तहत हिमालय की ठंडी हवाएं मैदानी इलाकों में पहुंचती हैं. दिसंबर और जनवरी में यह प्रक्रिया तेज हो जाती है. जिससे ठंडक बढ़ती है.
मौसम बदलाव का वैज्ञानिक कारण
हिमालय जैसे ऊंचे पहाड़ न केवल ठंड को बढ़ाने में मदद करते हैं. बल्कि वे भारत के मैदानी इलाकों में मौसम के बदलाव (scientific reasons behind cold weather) का मुख्य कारण भी हैं. ठंडी हवाओं का रुख और उनकी घनत्व मौसम के इस बदलाव का आधार है.
ठंडी हवाओं का प्रभाव एक से दो दिन में
हिमालय में बर्फबारी के बाद ठंडी हवाएं मैदानी इलाकों में तुरंत असर नहीं दिखातीं. उन्हें मैदानों तक पहुंचने में लगभग एक से दो दिन का समय लगता है. जब ये हवाएं मैदानों में पहुंचती हैं, तो ठंड अचानक बढ़ जाती है.
बर्फबारी और मैदानी ठंड का गहरा संबंध
हिमालय में होने वाली बर्फबारी और मैदानी इलाकों की ठंड के बीच गहरा संबंध है. ठंडी हवाएं इस बदलाव की मुख्य वजह हैं. यह प्रक्रिया भारत के उत्तर और पश्चिमी क्षेत्रों में सर्दियों के मौसम को निर्धारित करती है.