Solar Power Plant: हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना (PM Suryaghar Scheme) के प्रति लोगों का उत्साह बढ़ रहा है. इस योजना के अंतर्गत सरकार ने हिमाचल के प्रत्येक जिले से एक गांव को मॉडल गांव के रूप में चुनने का निर्णय लिया है. जिसमें सोलर रूफटॉप (Solar Rooftop) प्लांट्स की स्थापना की जाएगी. इन गांवों को विकास के लिए केंद्र सरकार से एक करोड़ रुपए की वित्तीय मदद प्रदान की जाएगी.
सूर्यघर योजना के तहत प्रगति
इस योजना के माध्यम से हिमाचल में अब तक 500 से अधिक सोलर रूफ टॉप प्लांट (Solar Rooftop Plants) स्थापित किए जा चुके हैं. यह प्लांट घरों की छतों पर लगाए जाते हैं और इनसे उत्पादित बिजली सीधे ग्रिड में जोड़ी जाती है. इस प्रकार बिजली का उत्पादन और उपभोग स्थानीय स्तर पर होने से लोगों की बिजली लागत में कमी आती है और वे अतिरिक्त बिजली उत्पादन पर आर्थिक लाभ उठा सकते हैं.
वित्तीय सहायता और इनाम
जो गांव सबसे अधिक संख्या में सोलर प्लांट लगाएगा. उसे विकास के लिए एक करोड़ रुपए दिए जाएंगे, जो कि हिमऊर्जा (Himurja) के माध्यम से खर्च किया जाएगा. इसके अलावा, ऐसी पंचायतों को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा जो सोलर प्लांट्स के मामले में शानदार कार्य कर रही हैं. प्रत्येक घर के हिसाब से 1000 रुपए की राशि पंचायत को दी जाएगी, जिसे वह विकास कार्यों पर खर्च कर सकती है.
लागत और सब्सिडी
एक किलोवाट क्षमता वाले सोलर प्लांट की स्थापना में 55 हजार रुपए का खर्च आता है. जिसमें से 33 हजार रुपए केंद्र सरकार सब्सिडी के रूप में वहन करती है. इसी तरह दो किलोवाट क्षमता के लिए 1.1 लाख रुपए खर्च होते हैं, जिसमें 66 हजार रुपए केंद्र द्वारा सब्सिडी दी जाती है.
भविष्य की योजनाएँ और आवेदन
हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड (Himachal Pradesh Electricity Board) के पास अब तक 4000 से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं. जिनकी समीक्षा की जा रही है. राज्य सरकार ने पहले इस प्रकार की सब्सिडी प्रदान की थी. मगर अब केंद्रीय योजना के माध्यम से ही सब्सिडी दी जा रही है. जिससे नागरिकों को बड़े पैमाने पर लाभ पहुँच रहा है.