हिमाचल की खूबसूरत वादियां आपको लुभाने के लिए एक भी अवसर नहीं जाने देती है यहाँ आपको के सफेद पहाड़, तो कहीं रेत से चमकते सुनहरे पहाड़ मिल जाएंगे और जैसे जैसे आप हिमाचल में आगे की तरह जाएंगे आपको अलग अलग तरह के सरप्राइजेस देखने को मिल जाएंगे वही यह जगह घूमने के लिए बेहतरीन जगह में से है यहाँ पर नेचर, एडवेंचर लवर्स के लिए तो हिमाचल बेहतरीन पैलेस हो नहीं सकता है इसके साथ ही यहाँ पर आप दो से तीन दिनों की छुट्टियां इंजॉय कर सकते है इसके साथ ही आज हम आपको हिमाचल की उन जगहों के बारे में बता रहे है जो अनदेखी और अनछुई है।
हिमाचल प्रदेश के ऑफबीट डेस्टिनेशन्स
कंगोजोड़ी
आपको बता दे, ये खूबसूरत नजारों के साथ ही ये जगह एडवेंचर से भी भरी हुई है। कंगाजोड़ी चारों तरफ से पहाड़ों के साथ देवदार और चीड़ के जंगलों से घिरा हुआ है। यहाँ पर बहुत ही कम लोग हिमाचल की इस खूबसूरत जगह के बारे में जानते हैं। ज्यादातर लोगों की हिमाचल यात्रा शिमला, कुल्लू- मनाली, लेह-लद्दाख तक ही सिमट कर रह जाती है, लेकिन अगर आप यहां की खूबसूरती को इत्मीनान से एक्सप्लोर करने का शौक रखते हैं, तो एक बार कंगाजोड़ी आने का प्लान बना सकते है। यह ट्रैकिंग के शौकीन हैं, तो यहां उसका भी ऑप्शन है। इसके अलावा बर्ड वॉचिंग, कैंपिंग और फोटोग्राफी एक्टिविटीज़ भी एन्ज़ॉय कर सकते हैं। दिल्ली से कंगाजोड़ी की दूरी लगभग 275 किमी है, तो वहीं चंडीगढ़ से 90 किमी। मतलब तीन से चार दिन की छुट्टी काफी है इस जगह को घूमने के लिए।
सराहन
आपको बता दे, हिल स्टेशन का हर एक कोना आश्चर्य और खूबसूरती से भरा होता है, तो अगर आप यहां भीड़ से दूर और खूबसूरती से भरपूर किसी भी जगह का लुफ्त ले सकते है। तो बना लें सराहन का प्लान, जिसके लिए आपको शिमला से लगभग 180 किमी का सफर तय करना होगा। हिमाचल का ये गांव सतलुज नदी के किनारे पर बसा है। मंजिल तो खूबसूरत है, लेकिन यहां तक पहुंचने का रास्ता भी बेहद शानदार है। शिमला से सराहन का रास्ता नारकंडा होकर गुजरता है, तो अगर आपके पास वक्त तो यहां भी एक दिन या कुछ घंटों का ब्रेक लिया जा सकता है।
पुल्गा गांव
हिमचाल प्रदेश का पुलगा गाँव भी प्राकृतिक खूबसूरती से कम नहीं है ये गाँव तोष और कसौल के बीच में पड़ता है इसके साथ ही यहाँ पर झरने और लकड़ी के पुल देखकर भी आपको एहसास होगा कि आप किसी तस्वीर को देख रहे है इसके साथ ही यहाँ पर आपको ज्यादातर लकड़ी के बने मिलेंगे जो इस जगह में चार चांद लगाने का काम करते हैं। ये गांव आज भी पर्यटकों की पहुंच से दूर है जिसकी वजह से यहां आकर आपको अलग ही तरह की शांति महसूस होगी। हालांकि यहां पहुंचना आसान नहीं है, क्योंकि यहां के लिए सीधी कोई गाड़ी नहीं जाती। हां, लेकिन अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं, तो आपको यह जगह बहुत पसंद आएगी, क्योंकि यहां तक पहुंचने के लिए कुल्लू के नजदीक स्थित बरशैणी से लगभग 3 किलोमीटर की ट्रैकिंग कर सकते है।