कलावंती किला महाराष्ट में है ,जिसे देश के सबसे खतरनाक किले में गिना जाता है।लेकिन फिर भी लोग 2300 फिट ऊँचे इस किले पर ट्रेकिंग करने के लिए रोज जाते है।इस किले की चढ़ाई में केवल पतली सी सीढिया है और दोनों तरफ खाई है,जहा इंसान का पैर फिसला वही आप गए।
जानिए किले के बारे में
किले का निर्माण बहमनी सल्तनत के समय में पनवेल और कल्याण किले पर नजर रखने के लिए किया गया था।लेकिन 1456 ad में अहमदनगर अल्तनत की हार से ये किला उनसे लिया गया।कलावंती किले के बारे में ऐसा कहा जाता है की यहाँ आने वाले कई लोगो की गिरकर मोत हो गयी है। पहले इस किले का नाम मुरंजन किला हुआ करता था ,लेकिन छत्रपति शिवजी महाराज के राज में इसका नाम बदल दिए गया।शिवजी महाराज ने रानी कलावंती के नाम पर इस किले को नाम दिए।किले को देखने के लिए न केवल देश से बल्कि दुनियाभर से लोग यहाँ आते है।यहाँ बारिश के मौसम में आना काफी खतरनाक है।
कहा है ये किला
प्रबलगढ़ का किला महाराष्ट में है।वैसे इस तरह के खतरानक और दुर्गम किले आपको यहाँ और भी देखने को मिल जाएगे।लेकिन इस किले की लोकप्रियता कुछ और ही है।ये किला माथेरान और पनवेल के बिच है।इसकी सरचना और उचाई कुछ ऐसी है की फोटो में देखने वाले लोगो की और भी आर्कर्षित कर देती है।इसे भारत के सबसे उचे और खतरनाक किलो में गिना जाता है।
किले तक कैसे पहुंचे
हवाई से -परलभलगढ़ के पास मुंबई का छत्रपति शिवजी इंरनेशनल एयरपोर्ट है ,यहाँ से आप ये जगह 50 किमी दूर है।मुंबई एयरपोर्ट से प्रभलगढ़ के लिए आपको सीधा टेक्सी मिल जाएगी।
ट्रेन से – प्रभलगढ़ से सबसे पास का स्टेशन पनवेल स्टेशन है,नवी मुंबई और मुंबई से यह तक के लिए आप लोकल ट्रेन भी ले सकते है।
रोड से – प्रभलगढ़ से बस से जान बेस्ट है,यहाँ तक के लिए आपको महाराष्ट स्टेट ट्रांसपोर्ट की कई बसे मिल जाएगी।बस मुख्य बस स्टेण्ड पनवेल तक आएगी,आप यहाँ से टेक्सी ले सकते है।