Starlink Internet India: एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट सर्विस देने का काम करती है। यह सर्विस अमेरिका, कनाडा और कई अन्य देशों में पहले से ही उपलब्ध है, लेकिन भारत में इसे शुरू करने में कई दिक्कतें आ रही हैं। कंपनी कई सालों से भारत में अपनी सर्विस शुरू करने की कोशिश कर रही है, लेकिन अब तक इसे मंजूरी नहीं मिली है। हालांकि, अब ऐसा लग रहा है कि कंपनी की कोशिशें जल्द ही सफल हो सकती हैं।
सरकार से मिली हरी झंडी की उम्मीद
हाल ही में सामने आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत सरकार जल्द ही स्टारलिंक को देश में इंटरनेट सेवा शुरू करने की पर्मिशन दे सकती है। अगर यह मंजूरी मिल जाती है, तो भारत में भी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू हो जाएगी। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, स्टारलिंक को कमर्शियल ब्रॉडबैंड सर्विस शुरू करने की पर्मिशन दी जा सकती है, जिससे दूरदराज के इलाकों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध होगा।
जल्द हो सकता है अंतिम फैसला
स्टारलिंक ने सरकार को सभी जरूरी दस्तावेज और जानकारी सौंप दी है। अब सरकार के कुछ विभाग इस पर विचार कर रहे हैं। अगर सब कुछ सही रहा तो स्टारलिंक को भारत में लाइसेंस मिल जाएगा और वह अपनी सर्विस शुरू कर सकेगी। कंपनी ने इसके लिए ऑफिसियल आवेदन भी दिया है, जिस पर संबंधित विभाग फैसले लेंगे।
गृह मंत्रालय और स्पेस डिपार्टमेंट की भूमिका
स्टारलिंक की ऐप्लिकेशन पर गृह मंत्रालय और स्पेस डिपार्टमेंट की इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) की स्टैंडिंग कमेटी विचार कर रही है। इसके अलावा, स्टारलिंक को डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) से भी ऑपरेटर लाइसेंस लेना होगा। इन प्रक्रियाओं के पूरे होने के बाद ही कंपनी भारत में अपनी इंटरनेट सेवा शुरू कर सकेगी।
सरकार की शर्तों पर बनी सहमति
स्टारलिंक और भारत सरकार के बीच कुछ महत्वपूर्ण शर्तों पर सहमति बन गई है। इनमें मुख्य रूप से यह शर्त शामिल है कि कंपनी अपना नेटवर्क कंट्रोल सेंटर भारत में ही स्थापित करेगी और भारतीय यूजर्स का डेटा देश के बाहर नहीं भेजेगी। पहले इस मुद्दे पर सहमति नहीं बन पा रही थी, लेकिन अब स्टारलिंक ने सरकार की सभी शर्तें मान ली हैं। फिलहाल, स्टारलिंक का कोई गेटवे पड़ोसी देशों में नहीं है, हालांकि, कंपनी ने कहा है कि अगर भविष्य में ऐसा होता भी है, तो भी भारतीय यूजर्स का डेटा देश के बाहर नहीं जाएगा।
ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों को होगा फायदा
अगर स्टारलिंक को भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने की पर्मिशन मिल जाती है, तो यह उन ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों के लिए एक बड़ी राहत होगी, जहां पारंपरिक इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं। सैटेलाइट इंटरनेट की मदद से देश के उन क्षेत्रों में भी तेज़ इंटरनेट पहुंचेगा, जहां अभी तक ब्रॉडबैंड या मोबाइल नेटवर्क की सुविधा सीमित है।
भारत में इंटरनेट क्षेत्र में बड़ा बदलाव
भारत में इंटरनेट सेवाएं मुख्य रूप से मोबाइल नेटवर्क और फाइबर ब्रॉडबैंड पर निर्भर हैं, लेकिन स्टारलिंक की एंट्री से सैटेलाइट इंटरनेट भी एक मजबूत ऑप्शन बन सकता है। यह उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा जो अत्यधिक दूरस्थ क्षेत्रों में रहते हैं और उन्हें स्थिर इंटरनेट कनेक्टिविटी की आवश्यकता होती है।
बिजनेस और एजुकेशन सेक्टर को होगा फायदा
स्टारलिंक के आने से भारत के बिजनेस और एजुकेशन सेक्टर को भी बड़ा फायदा होगा। ऑनलाइन शिक्षा, वर्क फ्रॉम होम, टेलीमेडिसिन और ई-कॉमर्स जैसी सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है। खासकर छोटे शहरों और गांवों में रहने वाले छात्रों और कामकाजी लोगों को इसका सबसे अधिक फायदा होगा।
इंटरनेट के बढ़ते उपयोग में आएगा उछाल
भारत में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन तेजी से बढ़ रहा है, और इंटरनेट का उपयोग दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। ऐसे में, सैटेलाइट इंटरनेट की उपलब्धता इंटरनेट क्रांति को और तेज कर सकती है। इससे डिजिटल इंडिया मिशन को भी मजबूती मिलेगी और अधिक लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकेंगे।