BLS इंटरनेशनल, जो दुनिया के कई देशों की सरकारों को तकनीकी और आउटसोर्सिंग सेवाएं प्रदान करती है, को विदेश मंत्रालय (MEA) ने अगले दो साल के लिए किसी भी नए टेंडर में भाग लेने से रोक दिया है। यह कदम पासपोर्ट आवेदकों की शिकायतों और अदालत में चल रहे मामलों के चलते उठाया गया। कंपनी के शेयरों पर इसका असर देखने को मिल सकता है।
MEA ने क्या बताया?
कंपनी ने शेयर एक्सचेंज को बताया कि उसे यह सूचना 10 अक्टूबर को MEA से प्राप्त हुई। इसका मतलब है कि अगले दो साल तक BLS इंटरनेशनल MEA और विदेशों में स्थित भारतीय मिशनों के किसी भी नए टेंडर में हिस्सा नहीं ले पाएगी।
शिकायतें और कानूनी मामले
MEA द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के पीछे पासपोर्ट सेवाओं से जुड़ी शिकायतें और कानूनी मामले हैं। कंपनी ने कहा है कि वह इस आदेश की समीक्षा करेगी और कानूनी रास्ते से इसका समाधान निकालने का प्रयास करेगी।
मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट्स पर कोई असर नहीं
BLS इंटरनेशनल ने स्पष्ट किया कि यह बैन उनके मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट्स या MEA के साथ चल रहे कामकाज पर कोई असर नहीं डालेगा। कंपनी के अनुसार, दुनियाभर में भारतीय मिशनों के साथ सभी चल रहे कॉन्ट्रैक्ट वैध हैं और समय पर पूरे हो रहे हैं। FY26 की पहली तिमाही में भारतीय मिशनों से कुल आय में लगभग 12% और EBITDA में 8% का योगदान रहा।
शेयरों की स्थिति
BLS इंटरनेशनल का शेयर शुक्रवार को 0.03% गिरकर ₹337.20 पर बंद हुआ। पिछले 6 महीनों में इसमें करीब 6.05% की गिरावट आई है। वहीं, इस साल 2025 में स्टॉक 30.14% तक कमजोर हुआ है। इसके बावजूद, पिछले 5 साल में शेयर ने 1,603.13% का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। कंपनी का मार्केट कैप 13.91 हजार करोड़ रुपये है।
BLS इंटरनेशनल का बिजनेस प्रोफाइल
BLS इंटरनेशनल एक ग्लोबल टेक्नोलॉजी और आउटसोर्सिंग सर्विस प्रोवाइडर है। यह वीजा, पासपोर्ट, कांसुलर और सिटिजन सर्विसेज सहित सरकारी प्रक्रियाओं को डिजिटल और आसान बनाने का काम करता है। कंपनी भारत और कई अन्य देशों में सरकारी एजेंसियों और दूतावासों की पार्टनर है और दुनियाभर में कई सरकारों के साथ ग्लोबल पार्टनरशिप में काम करती है।