सरकार किसानों को सिंचाई के लिए आर्थिक मदद दे रही है, ताकि खरीफ सीजन में पानी की समस्या न हो, आइए जानते हैं योजना क्या है-
किसानों को सिंचाई के लिए 18,000 रुपये
खेती में कई तरह के खर्चे आते हैं, जिसमें किसानों को सिंचाई पर भी खर्च करना पड़ता है। जिसमें अगर खरीफ सीजन की बात करें तो कई इलाकों में बारिश हो रही है, लेकिन कुछ किसानों को बारिश देखने को नहीं मिल रही है, जिससे खेतों में सिंचाई नहीं हो पा रही है, इससे किसानों को सिंचाई पर खर्च करना पड़ेगा।
लेकिन अगर आर्थिक रूप से कमजोर किसान सिंचाई का खर्च वहन नहीं कर पाएंगे, तो उन्हें अच्छा उत्पादन नहीं मिलेगा, फसल खराब हो जाएगी, इसलिए राज्य सरकार किसानों को सिंचाई के लिए 18,000 रुपये तक की आर्थिक मदद दे रही है, तो आइए आपको बताते हैं क्या है योजना।
डीज़ल सब्सिडी योजना 2025
दरअसल, यहाँ डीज़ल सब्सिडी योजना 2025 के बारे में बात कर रहे हैं। बिहार राज्य सरकार द्वारा राज्य के आर्थिक रूप से कमज़ोर किसानों के लिए चलाई जा रही इस योजना का उद्देश्य किसानों को सिंचाई में आर्थिक सहायता प्रदान करना है। अगर किसान डीज़ल इंजन या पंपसेट का इस्तेमाल करते हैं, तो वे सरकार से डीज़ल पर सब्सिडी ले सकते हैं, जिससे लागत कम होगी।
सब्सिडी की बात करें तो सरकार 2250 रुपये प्रति एकड़ दे रही है, जिसमें अधिकतम 8 एकड़ ज़मीन के लिए सब्सिडी का लाभ दिया जा सकता है, जिससे किसानों को कुल 18000 रुपये तक की सब्सिडी मिल रही है। सब्सिडी का पैसा किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है।
आवेदन के लिए दस्तावेज़
आवेदन करते समय किसानों को कुछ दस्तावेज़ जमा करने होंगे जैसे आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, डीज़ल खरीद की कंप्यूटरीकृत रसीद, आधार कार्ड से जुड़ा बैंक खाता आदि।
आवेदन कैसे करें
योजना का लाभ उठाने के लिए सबसे पहले किसानों को पंजीकरण कराना होगा। वे बिहार के कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर जाकर पंजीकरण करा सकते हैं। पंजीकरण आधार कार्ड से ओटीपी या बायोमेट्रिक के ज़रिए होगा। इसके बाद सब्सिडी के लिए आवेदन करना होगा जिसमें रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ लॉगिन करना होगा और ज़मीन की जानकारी, डीज़ल वाउचर, सब कुछ अपलोड करना होगा।
ध्यान रहे कि डीज़ल सिर्फ़ बिहार के अधिकृत पेट्रोल पंप से ही ख़रीदना होगा और उसकी रसीद देनी होगी। इसके अलावा अगर किसान के पास ज़मीन नहीं है, तो स्थानीय जनप्रतिनिधि से सत्यापन प्रमाण पत्र बनवाना होगा कि ज़मीन कहाँ है।

 
			 
                                 
                              
		 
		 
		 
		