Supreme Court: चेक बाउंस मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अब लोगों को बार-बार कोर्ट के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इस नए नियम से किसे फायदा होगा और कानूनी प्रक्रिया में क्या बदलाव किए गए हैं, जानने के लिए नीचे पढ़ें पूरी डिटेल।
आज के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के दौर में भी चेक से भुगतान को सुरक्षित माना जाता है, लेकिन लापरवाही से बड़ी मुश्किलें हो सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने चेक बाउंस के मामलों पर अहम फैसला देते हुए कहा है कि अब लोगों को कोर्ट-कचहरी के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
समय की होगी बचत Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट ने सजा रद्द करते हुए कहा कि यदि दोनों पक्ष समझौते के लिए तैयार हैं, तो कोर्ट को तुरंत मामला निपटा देना चाहिए। इससे न केवल लोगों का समय बचेगा बल्कि अदालतों का बोझ भी कम होगा।
पेंडिंग मामलों पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी Supreme Court
देशभर की अदालतों में चेक बाउंस के हजारों मामले लंबित हैं, जिससे कोर्ट पर दबाव बढ़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समझौते के आधार पर इनका निपटारा जल्द से जल्द किया जाना चाहिए।
समझौते के आधार पर रद्द हुई सजा Supreme Court
एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने देखा कि आरोपी ने शिकायतकर्ता को पांच लाख रुपये लौटा दिए थे, जिसके बाद सजा को रद्द कर दिया गया। कोर्ट ने ऐसे मामलों में समझौते को प्राथमिकता देने की बात कही है।
सुप्रीम कोर्ट की नसीहत Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चेक बाउंस को अपराध मानने की बजाय, कोर्ट को समझौते की प्रक्रिया को बढ़ावा देना चाहिए ताकि अधिकतर मामले बिना सजा के निपटाए जा सकें।