Surya Mitra Krishi Feeder Yojana : भारत में कृषि को और अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार की ओर से किसानों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं तो कुछ नई योजनाओं को शुरू किया जा रहा है। इसी कड़ी में किसानों की सिंचाई संबंधी समस्या के समाधान के लिए मध्यप्रदेश सरकार की ओर से “सूर्य मित्र फीडर योजना” की शुरुआत की गई है।
किसानों के लिए शुरू हुई ‘सूर्य मित्र फीडर योजना’
मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों को सस्ती और स्थायी बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ‘सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना’ की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य है कि किसानों को सिंचाई के लिए दिन में ही सस्ती और भरोसेमंद बिजली मिले, जिससे खेती में लागत घटे और उत्पादन बढ़े। इस योजना से किसान अब बिजली उत्पादक भी बन सकेंगे और अतिरिक्त कमाई कर सकेंगे।
सौर ऊर्जा से चलेंगे सिंचाई पंप
राज्य के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से जोड़ा जाएगा, जिससे डीजल और पारंपरिक बिजली पर निर्भरता कम होगी। इससे पर्यावरणीय संतुलन भी बेहतर होगा और किसानों को बिजली बिल से राहत मिलेगी। योजना के तहत किसान छोटे निवेशकों की तरह सोलर प्रोजेक्ट में निवेश कर सकते हैं।
दिन में स्थायी बिजली, रात की परेशानी खत्म
इस योजना के तहत किसानों को दिन के समय स्थायी बिजली आपूर्ति मिलेगी। इससे उन्हें रात में लो-वोल्टेज और पावर कट की समस्या से निजात मिलेगी। राज्य सरकार का मानना है कि इस योजना से न केवल सिंचाई की प्रक्रिया आसान होगी, बल्कि खेती के समय और गुणवत्ता दोनों में सुधार आएगा।
8000 कृषि फीडर और 35 लाख पंप होंगे शामिल
अब तक राज्य में 8000 कृषि फीडर स्थापित किए जा चुके हैं, जिनसे लगभग 35 लाख कृषि पंप संचालित हो रहे हैं। योजना के अंतर्गत फीडर स्तर पर सोलर प्लांट लगाए जाएंगे, जो सीधे 11 किलो वोल्ट साइड पर बिजली आपूर्ति करेंगे। इससे सब-स्टेशनों का लोड घटेगा और बिजली वितरण प्रणाली अधिक सुदृढ़ बनेगी।
आत्मनिर्भर किसान, कम खर्चीली सरकार
यह योजना सरकार और किसानों दोनों के लिए फायदेमंद है। इससे जहां बिजली सब्सिडी पर सरकार का खर्च कम होगा, वहीं किसान भी बिजली उत्पादन के माध्यम से आय अर्जित कर सकेंगे। साथ ही, स्थानीय निवेश को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
स्थानीय निवेशकों और उद्यमियों को मिलेगा मौका
योजना के अंतर्गत “वोकल फॉर लोकल” के तहत स्थानीय निवेशकों और कंपनियों को सौर परियोजनाओं में निवेश का अवसर दिया जाएगा। सरकार 25 वर्षों तक विद्युत क्रय अनुबंध (PPA) करेगी, जिससे स्थायी निवेश वातावरण बनेगा। करीब 1900 सब-स्टेशनों पर 14,500 मेगावाट क्षमता की संभावित परियोजनाएं सामने आई हैं।
सस्ती वित्तीय सहायता और तकनीकी प्रशिक्षण
सरकार ने योजना के तहत कर्ज पर 3% ब्याज छूट देने की घोषणा की है। इसके लिए बैंकों और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से एमओयू किए गए हैं। 4 से 8 जून तक GIZ के सहयोग से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें 100 से अधिक डेवलपर्स और तकनीकी संस्थाओं ने भाग लिया।
अब तक की प्रगति: 80 मेगावाट चालू, 240 मेगावाट निर्माणाधीन
अब तक 80 मेगावाट की सौर परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं, जिनसे 16,000 कृषि पंप सौर ऊर्जा से संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा, 240 मेगावाट की परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं और 200 मेगावाट प्रक्रियाधीन हैं। इनसे लगभग 1 लाख से अधिक पंप सौर ऊर्जा से जुड़ सकेंगे।
कुसुम योजना के साथ संयुक्त रूप से होगा कार्यान्वयन
यह योजना केंद्र की पीएम-कुसुम योजना के विस्तार के रूप में देखी जा रही है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि कुसुम योजना के तहत 3.45 लाख पंपों का सोलराइजेशन किया जाए और 2.45 लाख पंप “सूर्य मित्र योजना” के तहत कवर किए जाएं। इसके लिए 1200 मेगावाट की परियोजनाओं के लिए निविदाएं आमंत्रित की जा चुकी हैं।
किसानों को मिलेगा लाभ, भविष्य बनेगा सशक्त
सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना मध्यप्रदेश के किसानों के लिए एक परिवर्तनकारी कदम है। इससे वे केवल बिजली उपभोक्ता नहीं बल्कि बिजली उत्पादक भी बनेंगे। यह योजना आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम है, जो किसानों को आर्थिक, तकनीकी और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में काम करेगी।