Tata Companies owner : रतन टाटा के निधन के बाद, टाटा समूह के नेतृत्व के सवाल पर ध्यान केंद्रित हो गया है। वर्तमान चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन के साथ, नोएल टाटा और उनके बच्चे—माया, नेविल, और लेआ टाटा—भी भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, यह दर्शाते हुए कि समूह का भविष्य सुरक्षित और स्थिर है
रतन टाटा, भारतीय उद्योग जगत के सबसे प्रतिष्ठित नामों में से एक, का 86 वर्ष की आयु में 9 अक्तूबर 2024 को निधन हो गया है। उन्होंने न केवल टाटा ग्रुप को एक वैश्विक पहचान दी, बल्कि भारतीय समाज पर भी अपनी गहरी छाप छोड़ी। उनकी नेतृत्व क्षमता और समाज सेवा की प्रतिबद्धता ने उन्हें अद्वितीय बनाया। अब, उनके निधन के बाद, सवाल उठता है कि टाटा ग्रुप का अगला नेतृत्व कौन संभालेगा? टाटा समूह के 3,800 करोड़ रुपये के विशाल साम्राज्य के नेतृत्व की जिम्मेदारी किसके हाथों में होगी, इस पर अटकलें तेज हो गई हैं।
वर्तमान में एन. चंद्रशेखरन कर रहे नेतृत्व
2017 में, रतन टाटा ने टाटा सन्स के चेयरमैन पद से निवृत्त होकर एन. चंद्रशेखरन को इस पद पर नियुक्त किया। चंद्रशेखरन ने तब से समूह की प्रमुख जिम्मेदारियां संभाली हैं और समूह की वृद्धि और विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया है। उनके नेतृत्व में, टाटा ग्रुप ने कई नए क्षेत्रों में कदम रखा, विशेष रूप से डिजिटल और नवाचार के क्षेत्रों में। चंद्रशेखरन का प्रभावी नेतृत्व और टाटा परिवार से परे टाटा सन्स की अध्यक्षता को एक स्थिर और मजबूत हाथ मिल चुका है, जो उन्हें समूह के भविष्य के नेतृत्व में महत्वपूर्ण व्यक्ति बनाता है।
नोएल टाटा: एक प्रमुख उत्तराधिकारी
नोएल टाटा, रतन टाटा के सौतेले भाई, टाटा समूह के भीतर लंबे समय से नेतृत्वकर्ता के रूप में सक्रिय हैं। नोएल, जो टाटा समूह के खुदरा और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं, को रतन टाटा का एक स्वाभाविक उत्तराधिकारी माना जा रहा है। वे टाटा समूह की सहायक कंपनी ट्रेंट लिमिटेड के चेयरमैन हैं, जो खुदरा क्षेत्र में प्रमुख भूमिका निभाता है। नोएल की अनुभवी नेतृत्व शैली और टाटा परिवार से उनका निकट संबंध उन्हें टाटा ग्रुप के अगले अध्यक्ष पद के लिए प्रमुख उम्मीदवार बनाता है।
अगली पीढ़ी: माया, नेविल और लेआ टाटा
नोएल टाटा के तीन बच्चे—माया टाटा, नेविल टाटा, और लेआ टाटा—भी समूह के भीतर सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं और उन्हें टाटा समूह के भावी नेतृत्वकर्ता के रूप में देखा जा रहा है।
- माया टाटा, जो टाटा डिजिटल और टाटा न्यू ऐप में प्रमुख भूमिका निभा चुकी हैं, ने समूह की डिजिटल क्षमताओं को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- नेविल टाटा ने टाटा समूह के रिटेल डिवीजन में अपनी जगह बनाई है, विशेष रूप से स्टार बाजार के संचालन के माध्यम से। उनकी व्यावसायिक समझ और नेतृत्व कौशल उन्हें भविष्य के नेतृत्व के लिए तैयार कर रहे हैं।
- लेआ टाटा, जो टाटा समूह के आतिथ्य क्षेत्र में काम कर रही हैं, ने ताज होटेल्स और इंडियन होटल कंपनी में महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है और समूह के वैश्विक विस्तार में योगदान दिया है।
क्या आगे की राह होगी?
रतन टाटा के निधन के बाद, टाटा ग्रुप का नेतृत्व भविष्य में उनके द्वारा स्थापित आदर्शों और मूल्यों पर आधारित रहेगा। एन. चंद्रशेखरन और नोएल टाटा समूह के भविष्य को निर्देशित करने के लिए तैयार हैं, जबकि माया, नेविल और लेआ टाटा जैसे युवा उत्तराधिकारी भी समूह की निरंतरता और नवाचार को बनाए रखने के लिए अग्रसर हैं।
टाटा समूह की यह संरचना बताती है कि समूह के नेतृत्व की योजना पहले से ही सुचारु ढंग से तैयार है, और समूह का भविष्य सुरक्षित हाथों में है। नेतृत्व में परिवर्तन के बावजूद, टाटा ग्रुप का दृष्टिकोण और लक्ष्य—सामाजिक कल्याण और व्यावसायिक विकास—रतन टाटा की विरासत को कायम रखते हुए आगे बढ़ेगा।