भारतीय टीम (Team India) ऑस्ट्रेलिया दौरे पर है, जहां टीम इंडिया को 5 मैचों की टेस्ट सीरीज बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के नाम से खेली जा रही है. इस टेस्ट सीरीज के पहले मैच को भारतीय टीम ने 295 रनों के विशाल अंतर से अपने नाम कर चुकी है, तो वहीं इस जीत के साथ ही टीम इंडिया 1-0 की बढ़त हासिल कर चुकी है. अब इस टेस्ट सीरीज का दूसरा मैच एडिलेड में खेला जाना है, जो पिंक बॉल से खेला जायेगा. पिंक बॉल टेस्ट में भारतीय टीम का रिकॉर्ड कुछ खास नही है.
भारतीय टीम (Team India) को पिछले बार पिंक बॉल टेस्ट मैच में हार का सामना करना पड़ा था, वैसे भी ये सीरीज भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. अगर भारतीय टीम को आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल खेलना है, तो टीम इंडिया को हर हाल में ये सीरीज 4-0 से अपने नाम करनी होगी. वहीं इस टेस्ट सीरीज के साथ ही दिग्गज भारतीय खिलाड़ी संन्यास का ऐलान भी कर सकता है.
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में खत्म हुआ है कई भारतीय खिलाड़ियों का करियर
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हर साल खेली जाती है. 1 बार भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया का दौरा करती है, तो वहीं दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया टीम इस सीरीज के लिए भारत आती है. बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी कई दिग्गज भारतीय खिलाड़ियों के करियर का अंतिम मैच रहा है. 2008 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद ही अच्छे फॉर्म में होने के बावजूद अनिल कुंबले ने अचानक से संन्यास का ऐलान करके सभी को चौंका दिया था.
वहीं इसी साल सौरव गांगुली ने भी घरेलू मैदान पर खेलते हुए संन्यास का ऐलान कर दिया था. इसके बाद 2011-12 में राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने संन्यास का ऐलान कर दिया था, जबकि उस समय ये दोनों ही खिलाड़ी शानदार फॉर्म में थे. वहीं 2013 में 2 मैच के बाद ही वीरेंद्र सहवाग को टीम इंडिया से बाहर कर दिया गया था और उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया था.
इस लिस्ट में भारत के सबसे महान कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का नाम भी शामिल है, उन्होंने 2013-14 में अचानक से ही संन्यास का ऐलान करके सभी को चौंका दिया था. इसके बाद विराट कोहली को भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया था.
रविचंद्रन अश्विन भी कर सकते हैं बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद संन्यास का ऐलान
भारतीय टीम के दिग्गज खिलाड़ी रविचंद्रन अश्विन को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में मौका नही दिया गया था, उन्हें अब सिर्फ भारत में होने वाले मैचों में ही खेलने को मिलता है, वहीं चयनकर्ता और टीम मैनेजमेंट उनकी जगह वाशिंगटन सुंदर को भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं, क्योंकि रविचंद्रन अश्विन की उम्र अब 38 साल हो चुकी है.
रविचंद्रन अश्विन को लेकर कुछ समय पहले हरभजन सिंह ने भी कहा था कि अब टीम मैनेजमेंट भविष्य की टीम तैयार कर रहा है और इसी वजह से रविचंद्रन अश्विन को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में खेले गये पहले टेस्ट मैच में खेलने का मौका नही दिया गया था. हरभजन सिंह ने अपने बयान में ये भी कहा था कि शायद अश्विन जल्द ही संन्यास का ऐलान करने वाले हैं.