Tenancy Dispute: जब भी मकान मालिक किरायेदार से घर खाली कराता है, तो उसे कारण बताकर किरायेदार को समय देना होता है. आप शायद इसे पहले भी देखा होगा। हाल ही में हाईकोर्ट ने बिल्कुल विपरीत फैसला सुनाया है।
जब भी मकान मालिक किरायेदार से घर खाली कराता है, तो उसे कारण बताकर किरायेदार को समय देना होता है. आप शायद इसे पहले भी देखा होगा। हाल ही में हाईकोर्ट ने बिल्कुल विपरीत फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने निर्णय दिया कि घर मालिक किरायेदार को बिना कारण बताए घर छोड़ सकता है। आइए विस्तृत रूप से जानें हाईकोर्ट का ये महत्वपूर्ण निर्णय।
हाईकोर्ट ने निर्णय दिया:
Punjab-Haryana High Court ने हाल ही में एक केस की सुनवाई करते हुए फैसला लिया है। कोर्ट ने इस निर्णय को बरकरार रखा क्योंकि यह संपत्ति मालिक की वास्तविक आवश्यकताओं पर निर्भर था। कोर्ट ने कहा कि किरायेदार तय नहीं कर सकता कि संपत्ति मालिक क्या चाहता है।
जब कोई किरायेदार इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो संपत्ति के मालिक (property owner rights) को पूरा अधिकार है कि किरायेदारों को उनकी संपत्ति से निकाल दें। न्यायाधीश ने कहा कि संपत्ति का मालिक (property owner ke hak) बिना किसी कारण बताए घर छोड़ सकता है।
पूरी बात जानें-
यह मामला लुधियाना के दो किरायेदारों सतीश कुमार और कोमल ने दर्ज किया था। इस मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि घर मालकिन बूढ़ी हो गई है। भूमि नियमों के आधार पर दुकान खाली करने का आदेश खारिज नहीं किया जा सकता है।
1995 से पहले, मकान मालिक ने किराएदारों को 700 रुपये प्रति माह किराए पर दिए थे। 2010 में किराया नहीं भुगतान किया गया था। बाद में मकान मालिक (property owner) ने आवश्यकतानुसार दुकानें खाली करने को कहा, लेकिन किरायेदारों ने ऐसा नहीं किया। इसके बाद मामला न्यायालय पहुंचा।
यदि मकानमालिक को उसकी संपत्ति (sampatti ke hak) के किसी भी भाग की जरूरत है, जो उसने किराये पर दिया है, तो कोर्ट उसकी मांग को मानेगा। हाईकोर्ट ने इस मामले में तर्क को खारिज कर दिया कि मकान मालिक अधिकार एक अमीर परिवार से हैं और इसे उसकी दुकान में काम बढ़ाने के कारण देना सही नहीं है।