दुनिया के सबसे बड़े रोड नेटवर्क में से भारत भी एक है जो 63.73 लाख किलोमीटर के विशाल क्षेत्रफल में फैला हुआ है इसके साथ ही नेशनल हाइवे में 60 % की बढ़ोतरी हुई जिसमे चार लें और उससे ज्यादा लें के हाइवे में साल 2014 में 18,387 किलोमीटर की तुलना में दिसंबर 2023 में 46,179 किलोमतीर का बड़ा इजाफा हुआ है इसके साथ ही सड़क परिवहन के क्षेत्र में यात्रियों का 87% और माल ढुलाई का 60% ट्रैफ़िक रहता है इसके साथ ही परिवहन का सबसे बड़ा किफायती जरिया है दोनों माल-ढुलाई और यात्रियों से जुड़ी सेवाएँ भी देते है इसके साथ ही विशाल रोड नेटवर्क के बावजूद, सड़क सुरक्षा के मुद्दे को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की हाल ही में सड़क दुर्घटनाओं को लेकर जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, देश में हर दिन 1,263 दुर्घटनाएं और 461 मौतें यानी हर घंटे में 53 दुर्घटनाएं और 19 मौतें हुईं। इसलिए, पूरे देश में लगातार बढ़ते रोड नेटवर्क से बढ़ती गतिशीलता के बावजूद, हमारी सड़कों पर ऐसी कुछ कमियां भी मौजूद हैं जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। सड़क दुर्घटनाओं में 1.68 लाख लोगों की मौत हुई और 4.48 लाख लोग घायल हुए है। इसके साथ ही अगर तुलना करें तो, पिछले साल भारत की सड़कों पर हुई मौतों का आंकड़ा दुनिया के सबसे बड़े फ़ुटबॉल स्टेडियम की कुल क्षमता से भी ज़्यादा है। इस दुर्भाग्य की बात ये है कि ये मौतें ज़्यादातर 18 से 45 उम्र वर्ग के बीच हुई थीं, जिसने अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाले जनसंख्या के हिस्से पर असर डाला था।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के शब्दों में, ”अगर किसी युवा व्यक्ति की जान जाती है, तो उसका परिवार टूट जाता है। दुर्घटनाओं को रोकने का सबसे सही तरीका ट्रैफ़िक नियमों के बारे में जागरुकता बढ़ाना है इसके साथ ही अगर पूरा समाज इसे गंभीरता से लेगा, तो दुर्घटनाएं और मौतों के आंकड़े अपने-आप कम हो जाएंगे।” सड़क दुर्घटनाएं सीधे तौर पर युवाओं पर असर डालती हैं और आगे चलकर देश के भविष्य पर भी इसका असर पड़ता है। इसलिए, समाज को सड़क पर बेहतर बर्ताव करना चाहिए, जिससे कई जानें बचाई जा सकती हैं।
वही सड़क पर सुरक्षा संकेतो को नजरअंदाज करना जागरूकता की कमी के कारण होता है इसके साथ ही ट्रैफिक पर भी असर पड़ता है हालाँकि ये संकेत सड़क पर आने वालो बाधाओं का कारण है इसके साथ ही नए चालक शुरुआत में थोड़े डर होते थे और दूसरों के नियमों के पालन से उन्हें सड़क पर मदद मिलती है और इस तरह उन्हें भी नियमों के पालन की प्रेरणा मिलती है। साथ ही, नियमों का पालन किया जाए, तो अनजानी सड़कों पर भी सुरक्षित सफ़र किया जा सकता है।