धरती पर पाए जाने वाले तमाम छोटे बड़े पेड़ पौधे से औषधीयों से भरे रहते है, आज हम आपको एक ऐसी ही औषधि के बारे में बताने जा रहे है जिसका उपयोग, महत्व और खासयित जानने के बाद में आप हैरान रह जाएंगे। जी हम इस औषधि को रामबाण कह सकते है, तो आइए जान लेते है इसके बारे में।
इस औषधि की अगर संजीवनी बूटी से तुलना करें, तो कोई गलत नहीं होगा। इस औषधि के बारे में जानकर आप भी चौंक जाएंगे कि अरे वाह! इतनी बेहद लाभकारी औषधि है। वैसे इस औषधि की वटी भी बाजार में मिलती है। इसकी पत्तियां, जड़, तना या हर भाग उपयोगी है।
इस औषधि का कैंसर, मिर्गी, जुकाम, बुखार, खांसी, गठिया, छाती की संकुचन, मधुमेह, दांतों के रोग, मसूड़ों के संक्रमण, मसूड़ों का दर्द, त्वचा के रोग, सूजन, फोड़े, छाले, पसीना या चमड़े में जलन, कब्ज, पेट दर्द, गैस, उल्टी इत्यादि में बेहद फायदेमंद है। इसके पत्ते या तने का कल्प बनाकर लेप करने से पुराने से पुराने घाव भर जाते है।
वही यदि किसी को मिर्गी के दौरे आते है तो इसकी पत्तियों की नाक में डालने से तुरंत राहत मिलती है इसका लाभ आप तभी पा सकते है जब इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक चिकित्सा के मुताबिक किया जाए, क्योकि एक चिकित्सक ही उम्र और बीमारी के हिसाब से इसका डोज निर्धारित कर सकता है। इस औषधि को अनेक रोगों में अलग-अलग प्रकार से प्रयोग किया जाता है। इसकी पत्तियों का काढ़ा बनाकर प्रयोग करने से सर्दी, खांसी, जुकाम और डायरिया जैसे रोग दूर होते हैं। कैंसर में भी इसके एक्टिविटी को मार्क किया गया है। ये औषधि काफी लाभकारी मानी जाती है।
विशामुष्टि के पत्तों को पानी में उबालकर कुल्ला करने से मुंह की बदबू समाप्त होती है और दांत की समस्या दूर होती है। यह औषधि स्वस्थ व्यक्तियों के लिए अमृत एवं रोगियों के लिए वरदान मानी जाती है, इसके अनेकों प्रयोग हैं।