किसानों को सिंचाई की सुवडीहा उपलब्ध करवाने के लिए समय समय पर कई योजनाए चलाई जा रही है ताकि किसानों की फसल का अच्छा उत्पादन मिल सके। इस कड़ी में राज्य सरकार किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी उपलब्ध करवाने के उद्देशय से एक नई परियोजना शुरू कर रही है इसको लेकर के एक त्रिपक्षीय समझौते की शुरुआत की जा चुकी है। इस परियोजना की शुरुआत जल्द होने जा रही है और इसका काम भी बहुत ही कम समय में पूरा हो जाएगा। इस योजना के तहत दो राज्यों में आसानी से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा इसके साथ ही सूखाग्रस्त क्षेत्र के लाखों किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा। तो आएये जान लेते है इस योजना के बारे में सम्पूर्ण जानकारी।
किन तीन नदियों को जोड़ने का किया जाएगा काम
राजस्थान व मध्यप्रदेश सरकार की ओर से हाल ही में पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदी को जोड़ने पर सहमति बनी है। इसके लिए मध्यप्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच जल शक्ति मंत्रालय के कार्यालय में संशोधत पार्बती-कालीसिंध-चंबल- ईआरसीपी लिंक परियोजना के त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए है। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि यह परियोजना 5 साल से कम समय में पूरी कर ली जाएगी। इसकी वर्तमान लागत करीब 75,000 करोड़ रुपए है। इस परियोजना से प्रदेश की करीब 1.5 करोड़ की आबादी लाभान्वित होगी।
परियोजना से क्या होगा लाभ
इस योजना से प्रदेश में गरीबी, बेरोजगारी,अशिक्षा जैसी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। इसके साथ ही देशभर के प्रदेशवासियो के जीवन में सुधार होगा इसके साथ इस योजना का लाभ पानी की कमी वाले 26 जिलों को होगा। परियोजना से करीब 5.60 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के साथ ही बांधों और बड़े तालाबों में पानी का संचय कर जल स्तर उठाने में सफलता मिलेगी। पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना से एकीकृत कर इसे राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा दिया गया है। इस परियोजना को लेकर बहुत ही कम समय में मध्यप्रदेश और राजस्थान राज्यों के बीच सहमति बनी है जो दोनों राज्यों के हित में है।
राज्य के इन जिलों का मिलेगा इस योजना का लाभ
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस परियोजना से मध्यप्रदेश के चंबल और मालवा अंचल के 13 जिलों को लाभ दिया जाना है इसके साथ ही प्रदेश के ड्राई बेल्ट वाले जिलों जैसे मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना भिंड और श्योपुर में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी। वहीं औद्योगिक बेल्ट वाले जिलों जैसे- इंदौर, उज्जैन, धार, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास और राजगढ़ के औद्योगीकरण को और बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना से प्रदेश के मालवा और चंबल अंचल में करीब तीन लाख हैक्टेयर का सिंचाई रकबा बढ़ेगा।
आपको बता दे, मध्यप्रदेश और राजस्थान के जिलों को इस परियोजना का लाभ मिलेगा। त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन में इस लिंक परियोजना के तहत मध्यप्रदेश और राजस्थान राज्यों में कुल 5.60 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के साथ ही पूर्वी राजस्थान के 13 जिले और मध्यप्रदेश के मालवा और चंबल क्षेत्र के 13 जिलों में पेयजल और औद्योगिक उपयोग के लिए पानी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है।