अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह को रविवार रात को चेन्नई से लाये गए सुंगधित फूलो से सजाया जाएगा।मंदिर की पुष्प सजावट टिम के प्रमुख संजय धवलीकर ने जानकारी दी की 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले सरचना की सजावट के लिए 20 से ज्यादा किस्मो के तीन हजार किलोग्राम से ज्यादा फूलो का इस्तेमाल किया गया है।राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे।अयोध्या में होने वाले इस भव्य समारोह में सात हजार से ज्यादा मेहमानो को आमंत्रित किया गया है।
मंदिर परिसर की सजावट का लगभग 85-90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चूका है।सजावट में भारत के अलग हिस्सों से लाए गए तीन हजार किलोग्राम से ज्यादा अलग तरह से फूलो का इस्तेमाल किया गया है .इनका कहना है की सजावट में प्रयोग किए गए फूलो की किस्मो में गुलदाउदी,जरबेरा,आर्किड और एथुरियम और लिलियम जैसे विदेशी फूल भी शामिल है।धवलीकर का कहना है की अलग अलग किस्म और रंगो के यह फूल चेन्नई,बेंगलुरु,पुणे,लखनऊ,दिल्ली से लाए गए है।
उनका कहना है की ‘ जब मेहमान परिसर में प्रवेश करेंगे तो न केवल उनका स्वागत मंदिर की वस्तुकता और दृश्य प्रतिभा और इसकी सौंदर्यत्मक सजावट से किया जाएगा,फूलो की खुश्बू से मेहमानो के मन को मोह लेगी।चेन्नई से लाए गए सुगंधित फूलो का इस्तेमाल गर्भ ग्रह और रामलला की नई मूर्ति की सजावट के लिए किया जाएगा।धवलीकर ने जानकारी दी की गर्भगृह के लिए गुलाब,चमेली जैसे फूलो का प्रयोग किया गया जाएगा।उनका कहना है की 18 जनवरी को शुरू हुई और लगभग 200 कर्मचारी इस काम में लगे है।
फूलो की सजावट और रौशनी की व्यवस्था के लिए अलग अलग टिम बनाई गई है और वे सभी न्यास के अधिकारियो के मार्गदर्शन में मिलकर काम कर रही है।एक सूत्र में बताया गर्भगृह के अंदर पारंपरिक दिए का प्रयोग किया जाएगा।मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगिराज द्वारा बनाई गई रामलला की नई 51 इंच की मूर्ति को पिछले बृहस्पतिवार की दोपहर राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा।