देवघर को देवो की नगरी कहते है।माना जाता है की यह के कण कण में भगवान शिव और माता पार्वती का वास है।वही देवघर के बाबा बैधनाथ धाम में शिव पार्वती विवाह को लेकर खास तैयारी है।महाशिवरात्रि का त्यौहार हर बड़ी धूम धाम में मनाया जाता है।वही महाशिवरात्रि के दिन लाखो श्र्धालु यहाँ पहुंचते है।वैधनाथ मदिर में ऐसी कई परंपरा है जो अन्य किसी मंदिर में नहीं मिलती है।जिस भी युवक युवती की शादी नहीं हो रही है या रिश्ता लगते लगते टूट जाता है।वे महाशिवरात्रि पर बाबा मंदिर में खास उपाय कर मनोकामना पूरी कर सकते है।
इस बार महाशिवतरि का त्यौहार आठ मार्च को मनाया जाता है।ऐसे में वैधनाथ मंदिर में मांगी हर मनोकामनाए पुरुई होती है।महाशिवरात्रि के बैधनाथ मंदिर में चार प्रहार में पूजा आराधना की जाती है।इसके साथ ही इस दिन यहाँ के तीर्थ पुरोहित द्वारा भगवान भोलेनाथ की पूजा आराधना की जाती है।साल भर में बीएस एक दिन भगवान भोलेनाथ के शिखर के ऊपर मोर मुकुट अर्पण किया जाता है।
शादी के लिए करे यह उपाय
बैधनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन अविवाहित लड़के और लड़किया भगवान शिव के शिखर के ऊपर मोर मुकुट अर्पण करते है। महाशिवरात्रि के दिन यह दो तरह के मोर मुकुट अर्पण किए जाते है।एक अपनी मन्नत के लिए और दूसरा जिनकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
बाबा मंदिर के पक्षिमी द्वार पर अहले सुबह 03 बजे से ही मोर मुकुट की खरीद बिक्री शुरू हो जाती है।मोर मुकुट की कीमत 20 रूपये से लेकर 100 रूपये तक होती है।जब तक जल अर्पण होता रहता है तब तक यह परम्परा निभाई जाती है।वही मोर मुकुट दशहरा के दिन खला जाता है।बेलपत्र या धतूरा यानी महाशिवरात्रि के 9 दिन बाद भगवान शिव मंदिर के शिखर के ऊपर उतारा जाता है।