आज के समय में किसान खेती के साथ साथ पशुपालन करके अपनी आय को दोगुना कर रहे है पशुपालन के लिए अधिकतर लोग गाय भैंस का पालन करते है लेकिन अक्सर लोगों को शिकायत रहती है कि वे गाय भैंस को क्या खिलाए जिससे खर्च कम आए और पक्षी की दूध की मात्रा में भी बढ़े। ऐसे किसानों की समस्या को दूर करने के लिए आज हम आपको एक उपयोगी घास बता है जिसे उगाकर किसान पशुपालक अपने पशु के सस्ते हरे चारे का इंतजाम कर सकते है इस चारे को उगाने के लागत भी कम आती है और स्वाद भी आता है इसके साथ ही पशुओ को नियमित रूप से इसे खिलाने की सलाह दी जाती है।
कौनसी है यह चारे वाली हरी घास
वैसे तो पशु चारे के लिए बहुत सी किस्में है, लेकिन इनमें से एक किस्म अफ्रीकन टॉल किस्म सर्वोत्तम चारे की किस्म मानी जाती है। यह मक्का प्रजाति की चारे वाली किस्म है जो सामान्य चारे के मुकाबले दुगनी पैदावार देती है। इससे किसान कम लागत में पूरे सालभर के लिए हरे चारे का इंतजाम कर सकते हैं। अधिकांश किसान इस किस्म को पसंद करते हैं, क्योंकि इस किस्म का तना लंबा, मोटा और मजबूत होता है जिससे यह तेज हवा या आंधी में भी खड़ा रहता है। यह चारा मीठा रसदार होने से पशुओं को काफी पसंद है जिसे वे बड़े चाव से खाते हैं।
अफ्रीकन टॉल किस्म की प्रमुख विशेषता
अफ्रीकन टॉल चारा अधिक मीठा और रसदार होता है जिसे पशु खाना पसंद करते हैं।
मक्का अफ्रीकन टॉप चारे के पौधे की ऊंचाई 10 फीट से अधिक होती है।
चारे की यह किस्म पशुओं को हरे चारे के रूप में व साइलेज बनाकर खिलाने में उपयोग की जाती है।
इस चारे की पैदावार अन्य प्रकार के चारे से अधिक होती है।
इस चारे की यह किस्म कम लागत में अधिक पैदावार देती है।
मक्का अफ्रीकन चारे की असिंचित क्षेत्र में 30 से 40 टन और सिंचित क्षेत्र में 50-60 टन तक उपज प्राप्त की जा सकती है।
कैसे करे अफ्रीकन टॉल किस्म की बुवाई
आपको बता दे, अफ्रीकन टॉल चारे की बुवाई के लिए रेतीली, दोमट मिट्टी काफी अच्छी मानी जाती है इस किसम की बुवाई के लिए कहत में मिट्टी पलट हल से गहरी जुताई करनी चाहिए। इसके बाद देसी हल से दो जुताई करके हरो चलाकर मिट्टी को बारीक व समतल बना लेना चाहिए। अब चारे की बुवाई के लिए 25 से 30 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ के हिसाब से डाला जाता है और मक्का अफ्रीकन टॉल चारे की बुवाई 15 फरवरी से लेकर सितंबर के महीने तक की जा सकती है। बुवाई से पहले बीजों को थायरम केपटान 3 ग्राम प्रति किलोग्राम के हिसाब लेकर बीज डालें जाते है इसकी बुवाई के समय कतार से कतार की दूरी 30 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 20 सेमी रखनी चाहिए। एक हैक्टेयर में इस चारे की किस्म के 125 लाख पौधे लगाए जा सकते हैं।