Gold Rate : सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी जारी है, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चल रही उथल-पुथल का परिणाम है। आपको बता दें कि देश में सोने की कीमतें (sone ki keematein) केवल मांग और आपूर्ति से ही प्रभावित नहीं होतीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली गतिविधियों का भी इन पर असर पड़ता है-
सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी जारी है, जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चल रही उथल-पुथल का परिणाम है। आज सोने के दाम में उछाल देखा गया। पिछले कुछ समय से डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों (Donald Trump’s tariff policies) को लेकर बनी चिंताओं के कारण निवेशक सोने में अधिक रुचि दिखा रहे हैं। इस बढ़ती मांग के चलते सोने की कीमतें चढ़ रही हैं। (Today Gold Price)
कहां, कितने हैं दाम?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में 24 कैरेट वाले 10 ग्राम सोने की कीमत (sone ki kimat) 390 रुपये उछलकर 87,210 रुपये पहुंच गई है। मुंबई (Mumbai) में 87,060, लखनऊ (Lucknow) में 87,210, बेंगलुरु में 87,060, चेन्नई (Chennai) में 87,060, कोलकाता (kolkata) में 87,060, हैदराबाद में 87,060, अहमदाबाद में 87,110 और पुणे में सोना 87,060 रुपये के भाव पर मिल रहा है।
अलग-अलग कीमत क्यों?
सोने की कीमतें हर शहर में अलग क्यों होती हैं, सभी शहरों में दाम एक जैसा क्यों नहीं होता है? दरअसल, सोने की कीमत कई बातों पर निर्भर करती है और इसमें टैक्स (tax) सबसे प्रमुख है। राज्य सरकारों की ओर से सोने पर स्थानीय टैक्स (local tax on gold) लगाया जाता है, जो हर राज्य और शहर में अलग होता है, जिससे इसकी कीमतों में अंतर आ जाता है।
कैसे प्रभावित होती हैं कीमतें?
देश में सोने की कीमतें (sone ki keematein) केवल मांग और आपूर्ति से ही प्रभावित नहीं होतीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली गतिविधियों का भी इन पर असर पड़ता है। लंदन ओटीसी स्पॉट मार्केट और कॉमेक्स गोल्ड फ्यूचर्स मार्केट सहित प्रमुख वैश्विक बाजारों में होने वाली व्यापारिक गतिविधियों से भी सोने की कीमतें काफी हद तक प्रभावित होती हैं।
कौन तय करता है कीमत?
दुनियाभर में लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) द्वारा Gold की कीमत तय की जाती है। वो US डॉलर में सोने की कीमत प्रकाशित करता है, जो बैंकरों और बुलियन व्यापारियों के लिए वैश्विक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है। वहीं, अपने देश में, इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आयात शुल्क और अन्य टैक्स को जोड़कर यह निर्धारित करता है कि रिटेल विक्रेताओं को सोना किस दर पर दिया जाएगा।
ETF में निवेश बढ़ा-
एक्सपर्ट्स का मानना है कि बड़ी रैली के बाद सोने की कीमतों में गिरावट आ चुकी है। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के शासन के दौरान जियो पॉलिटिकल टेंशन बढ़ रही है, जिससे सोने को समर्थन मिल रहा है। इसके साथ ही, गोल्ड ETF में बढ़ते निवेश से सोने की मांग भी बढ़ रही है। इन कारकों के चलते, विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं कि इस वर्ष सोने की कीमत 90,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है।