Toll New Rules: अगर आप हरियाणा में रहते हैं या यहां से होकर राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. 1 अप्रैल 2025 से राज्य में टोल टैक्स की दरों में इजाफा होने जा रहा है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इस बढ़ोतरी की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं और अब नई दरें जल्द ही लागू की जाएंगी. अधिकारियों के अनुसार टोल की मौजूदा दरों में करीब 4 से 5 फीसदी की बढ़ोतरी होगी. इस बदलाव के चलते वाहन चालकों को हर सफर के लिए अपनी जेब कुछ ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी.
हर साल की तरह इस बार भी मार्च के अंत में होती है समीक्षा
NHAI हर साल मार्च के अंत में टोल दरों की वार्षिक समीक्षा करती है. इसके आधार पर 1 अप्रैल से देशभर में टोल प्लाजा पर नई दरें लागू की जाती हैं. इस प्रक्रिया के तहत हरियाणा के सभी टोल प्वाइंट्स पर भी मौजूदा दरों के आधार पर नई दरें तय कर दी गई हैं. नई दरें लागू होने के बाद छोटे वाहनों से लेकर भारी ट्रकों तक सभी के टोल शुल्क में बढ़ोतरी हो सकती है.
किन वाहनों पर पड़ेगा ज्यादा असर?
टोल टैक्स में यह बढ़ोतरी सभी तरह के वाहनों पर लागू होगी. लेकिन सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ेगा जो:
- हर रोज टोल से गुजरते हैं (जैसे ऑफिस जाने वाले या बिजनेस ट्रैवलर्स)
- ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स से जुड़े हैं
- लंबी दूरी की यात्रा करते हैं
छोटे चारपहिया वाहनों के लिए भले ही दरों में मामूली बढ़ोतरी हो. लेकिन बड़े वाणिज्यिक वाहनों जैसे ट्रक, बस आदि के लिए यह खर्च हजारों में पहुंच सकता है.
टोल टैक्स में बढ़ोतरी क्यों की जाती है?
हर साल टोल टैक्स में बढ़ोतरी के पीछे एक प्रमुख कारण है – महंगाई (Inflation Index) और रखरखाव की लागत. NHAI का कहना है कि अच्छी सड़कों को बनाए रखने और नई सड़क परियोजनाओं के लिए पैसा जुटाना जरूरी होता है. इसी वजह से टोल टैक्स को समय-समय पर बढ़ाया जाता है. सरकार का तर्क है कि अगर यात्रियों को बेहतर सड़कों और सुविधाओं का लाभ चाहिए, तो इसके लिए उन्हें कुछ अतिरिक्त भुगतान करना होगा.
कितना बढ़ेगा टोल टैक्स? अनुमानित आंकड़े
हालांकि अभी तक सभी टोल प्वाइंट्स की नई दरें सार्वजनिक नहीं की गई हैं. लेकिन अनुमान के अनुसार:
- कार, जीप और वैन जैसे छोटे वाहनों पर टोल दरों में 4% तक बढ़ोतरी हो सकती है.
- हाईवा, ट्रक, बस जैसे भारी वाहनों पर यह बढ़ोतरी 5% तक हो सकती है.
- मासिक पास या फास्टैग उपयोगकर्ताओं को भी थोड़ी बढ़ी हुई दरों पर भुगतान करना पड़ सकता है.
इसका सीधा असर ट्रांसपोर्ट की लागत और बाद में सामान्य उपभोक्ताओं की जेब पर भी पड़ सकता है.
FASTag यूज़र्स को भी देना होगा बढ़ा हुआ टैक्स
देश में अब ज्यादातर वाहन चालक FASTag का उपयोग करते हैं. जिससे टोल प्लाजा पर बिना रुके भुगतान हो जाता है. लेकिन 1 अप्रैल से FASTag से भी बढ़ी हुई दरों के अनुसार कटौती होगी. यानी आपकी यात्रा पर खर्च अब पहले से ज्यादा होगा. भले ही आप डिजिटल मोड से भुगतान कर रहे हों.
लंबे रूट वाले यात्रियों पर अधिक असर
हरियाणा एक ऐसा राज्य है जहां से दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश के लिए हजारों वाहन प्रतिदिन गुजरते हैं. ऐसे में अगर किसी वाहन को एक ही दिन में 3-4 टोल प्लाजा पार करने होते हैं, तो बढ़ी हुई दरों से प्रतिदिन 50 से 200 रुपये तक अधिक खर्च आ सकता है. यह आंकड़ा लंबे समय में मासिक या वार्षिक बजट पर असर डाल सकता है. खासकर टैक्सी सेवाओं, ट्रांसपोर्ट कंपनियों और दैनिक यात्रियों के लिए.
क्या है वाहन मालिकों की प्रतिक्रिया?
टोल टैक्स में बढ़ोतरी की खबर के बाद सोशल मीडिया और स्थानीय न्यूज पोर्टल्स पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है. कुछ लोगों का कहना है कि अगर सड़कें बेहतर हों, तो टोल बढ़ाना गलत नहीं है. जबकि कई लोगों का कहना है कि हर साल बढ़ती कीमतों से आम आदमी परेशान है और सरकार को इसका विकल्प निकालना चाहिए.
टोल टैक्स बढ़ने के बाद क्या हैं विकल्प?
अगर आप टोल खर्च से बचना चाहते हैं, तो कुछ उपाय कर सकते हैं:
- कारपूलिंग करें या शेयर कैब का इस्तेमाल करें
- वैकल्पिक मार्गों का चयन करें जिन पर टोल न लगे
- मासिक पास बनवाएं, जिससे कुछ हद तक राहत मिल सकती है
- सफर की योजना इस तरह बनाएं कि टोल प्लाजा की संख्या कम हो
हालांकि ये विकल्प सीमित हैं. लेकिन थोड़ी प्लानिंग से खर्च को कम किया जा सकता है.