कौन सी है गेंहू की वह 5 नई किस्में (Top Wheat Variety) एवं इनसे पैदावार कितनी मिलेगी, आइए आर्टिकल में जानते है सबकुछ।
Top Wheat Variety | भारत में गेहूं की खेती एक प्रमुख कृषि गतिविधि है, और किसानों के लिए बेहतर उपज प्राप्त करने के नए-नए तरीके खोजे जा रहे हैं।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा इस वर्ष गेंहू की कई उन्नत किस्में विकसित की गई है। इन्हीं में से हम 5 बेस्ट किस्मों की जानकारी लेकर आए है।
इन किस्मों की अधिकतम पैदावार 80 से 90 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक दर्ज की गई है। बता दें की, किसानों के बीच भी यह 5 किस्में काफी लोकप्रिय है।
आइए जानते है कौन सी है गेंहू की 5 नई किस्में Top Wheat Variety, इनकी पैदावार, अवधि, खासियत सहित अन्य सभी जानकारी जानते है…
1. गेंहू HD 3388 किस्म
Top Wheat Variety | गेहूं की एचडी 3388 किस्म सिंचित और समय से बोई जाने वाली उन्नत किस्म है। इसकी पैदावार 52 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। फसल 125 दिनों में तैयार हो जाती है।
इसका हीट स्ट्रेस टॉलरेंस HSI 0.89 है। यह किस्म पूर्वी उत्त प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल (पहाड़ी इलाके को छोड़), ओडिशा और असम के लिए बेहतर है।
2. पूसा गेंहू 3386 किस्म
Top Wheat Variety | पूसा गेंहू 3386 पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान (कोटा और उदयपुर डिविजन को छोड़), पश्चिमी उत्तर प्रदेश (झांसी डिविजन को छोड़), जम्मू और कश्मीर) के हिस्से (कठुआ जिला), हिमाचल प्रदेश के हिस्से (ऊना जिला और पओन्ता वैली) और उत्तराखंड के तराई इलाके लिए उपयुक्त है।
यह किस्म 62.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देने में सक्षम है। यह लिफ रस्ट और येल्लो रस्ट प्रतिरोधी है। यह आयरन (41.1ppm) और जिंक (41.8ppm) से भरपूर है। फसल 145 दिनों में तैयार हो जाती है।
3. गेंहू एचडी 3410 किस्म
Top Wheat Variety | गेहूं की Wheat HD 3410 किस्म सिंचित और समय से पहले बुवाई के लिए उपयुक्त है। यह किस्म 65.91 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज देने में सक्षम है।
यह 155 दिन में तैयार होने वाली किस्म है। इसमें 12.6% ज्यादा प्रोटीन है। यह किस्म मध्य प्रदेश और दिल्ली-हरियाणा के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लिए बेहतर है।
4. गेंहू डीबीडब्ल्यू 377 किस्म – करण बोल्ड
Top Wheat Variety | वर्ष 2024 के दौरान भारत के मध्य क्षेत्र में सिंचित परिस्थितियों में अगेती बुवाई के लिए ब्रेड गेहूं की किस्म करण बोल्ड (DBW 377) की सिफारिश की गई है। किस्मों के विमोचन एवं अधिसूचना के लिए केन्द्रीय उपसमिति द्वारा की गई है।
खेती के लिए अनुशंसित क्षेत्र छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश के झांसी संभाग और राजस्थान के कोटा और उदयपुर संभाग में उपज परीक्षण में बेहतर प्रदर्शन देखा गया है। गेंहू डीबीडब्लयू 377 ने सिंचित शीघ्र बुआई स्थितियों के तहत उच्च उपज क्षमता (86.4 क्विंटल/हेक्टेयर) दर्ज की गई है। : Top Wheat Variety
बात करें अवधि की तो गेंहू डीबीडब्लयू 377 किस्म 124 दिन में पककर तैयार की जा सकती है एवं 87 सेमी पौधे की हाइट है। गेंहू डीबीडब्लयू 377 पत्ती और तने के जंग के लिए अत्यधिक प्रतिरोधी है। एपीआर अध्ययनों के तहत, इसने गेहूं की प्रमुख प्रजातियों भूरा रतुआ और तना रतुआ रोग के प्रति प्रतिरोध दिखाया है।
जीन अभिधारणा ने भूरे रतुआ के लिए जीन संयोजन Lr23+1+ और काले रतुआ के लिए R का संकेत दिया। डीबीडब्ल्यू 377 गेहूं किस्म Top Wheat Variety ब्लास्ट रोग के प्रति प्रतिरोधी है (औसत स्कोर 10.0) और इसने करनाल बंट के प्रति बेहतर प्रतिरोध प्रदर्शित किया है।
5. गेंहू एचआई 1665 – पूसा हर्षा
Top Wheat Variety | गेंहू एचआई 1655 (HI 1665) समय से बोई जाने वाली और सीमित सिंचाई वाली किस्म है। इसकी उत्पादन क्षमता 33 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है। फसल 110 दिनों में तैयार होती है।
यह गर्मी और सूखा सहिष्णु है। लिफ और स्टेम रस्ट प्रतिरोधी है। इसके दाने बेहतर क्वालिटी के हैं। यह किस्म महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु के मैदानी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। इस चमत्कारी किस्म हर्षा (एच. आई. 1655 – 1655) एक मध्यम ऊँचाई कि लगभग 90-95 से.मी. जो कि लगभग लोक – 1 के बराबर है।
इस कारण इस किस्म Top Wheat Variety की कम ऊँचाई व इसकी काड़ी कड़क होने से हवा चलने या वर्षा की स्थिति में इसके गिरने (लाजिंग) की संभावना कम रहती है, जिसके कारण कृषकों को उत्पादन व गुणवत्ता खराब होने के कारण होने वाले नुकसान की आशंका शरबती किस्म होने के बाद भी इसमें कम रहती है।