भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने फर्जी एसएमएस और कॉल्स पर रोक लगाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जो दिनभर अनचाहे स्पैम कॉल्स और फर्जी एसएमएस से परेशान रहते हैं, तो यह खबर आपके लिए राहत लेकर आई है। ट्राई ने इन समस्याओं पर लगाम लगाने के लिए एक नया ‘मैसेज ट्रेसिबिलिटी’ नियम लागू करने की समयसीमा 11 दिसंबर 2024 तय की है।अब सवाल यह है कि यह नियम क्या है, इसका आपके जीवन पर क्या असर होगा और इससे आपको क्या फायदा होगा? चलिए, इसे आसान भाषा और कहानी के रूप में समझते हैं।
फर्जी कॉल्स और एसएमएस: एक आम आदमी की कहानी
सोमेश, जो एक मिडिल-क्लास परिवार से हैं, हर दिन फर्जी कॉल्स और एसएमएस से परेशान रहते थे। उनके फोन पर कभी लोन ऑफर के झूठे मैसेज आते, तो कभी “आपने 25 लाख रुपये जीते हैं” जैसे फर्जी लिंक। कई बार उन्होंने गलती से इन मैसेज पर क्लिक कर दिया और ठगी का शिकार भी हो गए।सोमेश अकेले नहीं हैं। भारत में हजारों लोग हर दिन ऐसे फर्जी एसएमएस और कॉल्स से परेशान होते हैं। यही वजह है कि ट्राई ने इस समस्या को गंभीरता से लिया और इसे रोकने के लिए मैसेज ट्रेसिबिलिटी नियम लागू करने का निर्णय लिया।
क्या है ‘मैसेज ट्रेसिबिलिटी’ नियम?
ट्राई ने अगस्त 2024 में इस नियम की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य फर्जी और अपंजीकृत (अनरजिस्टर्ड) एसएमएस और कॉल्स को रोकना है। इस नियम के तहत:
- पंजीकरण अनिवार्य:
- टेलीमार्केटिंग कंपनियों और अन्य संस्थानों को टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं के साथ पंजीकरण करना अनिवार्य होगा।
- केवल पंजीकृत नंबरों से भेजे गए एसएमएस और कॉल्स को ही अनुमति दी जाएगी।
- नंबर सीरीज का पालन:
- निर्धारित नंबर सीरीज का उपयोग अनिवार्य होगा। अगर कोई कंपनी ऐसा नहीं करती है, तो उसके एसएमएस और कॉल्स को ब्लॉक कर दिया जाएगा।
- फर्जी लिंक की पहचान:
- बैंक, ई-कॉमर्स और अन्य वित्तीय संस्थानों के एसएमएस में मौजूद फर्जी लिंक को भी आसानी से ट्रेस और ब्लॉक किया जाएगा।
- ग्राहकों को नियंत्रण:
- ग्राहकों को यह विकल्प मिलेगा कि वे फर्जी कॉल्स और एसएमएस को ब्लॉक कर सकें।
क्यों बार-बार टल रही थी समयसीमा?
इस नियम को पहले 1 दिसंबर 2024 से लागू किया जाना था। लेकिन टेलीकॉम कंपनियों और टेलीमार्केटिंग संस्थाओं की तैयारी पूरी न होने की वजह से समयसीमा को बढ़ाकर अब 11 दिसंबर 2024 कर दिया गया है।हालांकि, ट्राई ने साफ कर दिया है कि यह अंतिम डेडलाइन है। इसके बाद किसी भी तरह का फर्जी एसएमएस या कॉल सिस्टम में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
ट्राई ने क्या कदम उठाए हैं?
ट्राई ने इस नियम को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं:
- संवाद और वेबिनार:
- ट्राई ने आरबीआई, सेबी, पेंशन फंड नियामक पीएफआरडीए और बीमा नियामक इरडा जैसे प्रमुख संस्थानों के साथ संवाद किया।
- केंद्र और राज्य सरकार के विभागों के साथ भी चर्चा की गई।
- 27,000 से अधिक कंपनियों और संस्थाओं को टेलीकॉम कंपनियों के साथ पंजीकृत किया गया।
- चेतावनी नोटिस:
- ट्राई ने उन कंपनियों और संस्थानों को चेतावनी नोटिस जारी किया है, जिन्होंने अब तक आवश्यक बदलाव नहीं किए हैं।
- ग्राहकों के लिए आश्वासन:
- ट्राई ने यह भी स्पष्ट किया है कि इन बदलावों से ओटीपी भेजने में कोई देरी नहीं होगी।
ग्राहकों को क्या फायदा होगा?
- स्पैम कॉल्स और एसएमएस से छुटकारा:
- फर्जी कॉल्स और एसएमएस को ब्लॉक करने से ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी।
- डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा:
- ओटीपी आधारित सत्यापन प्रक्रिया अधिक सुरक्षित होगी।
- फर्जी लिंक और मैसेज से होने वाली ठगी को रोका जा सकेगा।
- कस्टमाइजेशन का विकल्प:
- ग्राहक अपनी पसंद के अनुसार स्पैम कॉल्स और एसएमएस को ब्लॉक कर सकते हैं।
- टेक्नोलॉजी में सुधार:
- पंजीकरण प्रक्रिया और मैसेज ट्रेसिबिलिटी के माध्यम से टेलीकॉम कंपनियों की सेवाएं अधिक प्रभावी और पारदर्शी होंगी।
क्या होगा अगर कंपनियां नियमों का पालन नहीं करतीं?
अगर कोई टेलीमार्केटिंग कंपनी या संस्था तय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करती है, तो:
- उनके भेजे गए एसएमएस और कॉल्स स्वचालित रूप से ब्लॉक कर दिए जाएंगे।
- गैर-पंजीकृत नंबरों से आने वाले सभी मैसेज और कॉल्स को सिस्टम द्वारा अस्वीकार कर दिया जाएगा।
ट्राई का यह कदम भारत में डिजिटल सुरक्षा को एक नई दिशा देने वाला है। 11 दिसंबर 2024 के बाद, फर्जी और अपंजीकृत एसएमएस और कॉल्स पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। इससे न केवल ग्राहकों को राहत मिलेगी, बल्कि ऑनलाइन ठगी और धोखाधड़ी के मामलों में भी कमी आएगी।