Train Engine Power: भारतीय रेल का नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है और इसके संचालन का मुख्य आधार है इसके शक्तिशाली इंजन जो हजारों यात्रियों और भारी मालगाड़ियों को खींचने की क्षमता रखते हैं. इन इंजनों के पीछे की तकनीकी और इनकी क्षमता वास्तव में अद्वितीय है.
ट्रेन के इंजनों का डिजाइन और संरचना
ट्रेन के इंजन, जिन्हें आमतौर पर लोकोमोटिव कहा जाता है उन्हें विशेष रूप से भारी डिब्बों को खींचने और लंबी दूरियों तक यात्रा करने के लिए बनाया जाता है. इन इंजनों को बेहद टिकाऊ बनाने के लिए कई तकनीकी विशेषताओं को शामिल किया जाता है.
इंजन की क्षमता और सीसी
एक आम ट्रेन इंजन की क्षमता जिसे हम CC में मापते हैं अनोखी होती है. भारतीय रेलवे के इंजनों में प्रायः 16 सिलेंडर होते हैं जहाँ प्रत्येक सिलेंडर की क्षमता लगभग 10,941 CC होती है जिससे कुल क्षमता लगभग 1,75,000 CC तक पहुंच जाती है.
इंजीनियरिंग और निर्माण
ट्रेन के इंजन बनाने में उच्च कुशल इंजीनियर्स की आवश्यकता होती है जो कि इसे बहुत ही सूक्ष्मता से डिजाइन करते हैं. इन इंजीनियरों का काम इंजन को न केवल पावरफुल बनाना होता है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी होता है कि ये लंबे समय तक टिकाऊ रहें.
फ्यूल टैंक क्षमता
भारतीय ट्रेनों के इंजनों में बहुत बड़ी क्षमता के फ्यूल टैंक होते हैं, जिसकी क्षमता तकरीबन 50,000 लीटर होती है. इससे ये स्पष्ट होता है कि ये इंजन कितने भारी और शक्तिशाली होते हैं.