Train Waiting Ticket Rules: भारतीय रेलवे ने स्पष्ट किया है कि अब वेटिंग टिकट वालों को आरक्षित डिब्बों में यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी. सिर्फ उन्हीं यात्रियों को स्लीपर, 3AC, 2AC या किसी भी रिजर्वेशन कोच में यात्रा की इजाजत होगी जिनका टिकट कंफर्म है.
एक टिकट कंफर्म, दूसरा वेटिंग – तो क्या होगा?
यदि पति-पत्नी या दो में से एक यात्री का टिकट कंफर्म है और दूसरे का वेटिंग, तो वेटिंग टिकट चार्ट बनने के बाद ऑटोमैटिकली कैंसिल मान लिया जाएगा. ऐसे में वेटिंग वाले यात्री को यात्रा की अनुमति नहीं होगी और उसे पूरा रिफंड मिलेगा.
वेटिंग टिकट पर यात्रा करना गैरकानूनी
यदि कोई व्यक्ति वेटिंग टिकट लेकर भी आरक्षित कोच में यात्रा करता है, तो इसे रेलवे नियमों का उल्लंघन माना जाएगा. पकड़े जाने पर जुर्माना और ट्रेन से उतारा जाना तय है.
जुर्माना कितना लगेगा?
- स्लीपर कोच में यात्रा: ₹250 + टिकट किराया
- AC कोच में यात्रा: ₹440 + टिकट किराया
किराया की गणना उस स्टेशन से की जाएगी जहां से यात्री ट्रेन में चढ़ा था.
रेलवे का मकसद क्या है इस बदलाव के पीछे?
रेलवे इस नियम के जरिए रिजर्व कोच में अवैध यात्रा, सीट विवाद और अन्य यात्रियों की असुविधा को रोकना चाहता है. इसके साथ ही कंफर्म टिकट धारकों को सुविधा और सुरक्षा देना प्राथमिकता है.
बिना टिकट यात्रा है अपराध
रेलवे एक्ट की धारा 137 के तहत बिना टिकट यात्रा करना अपराध है. इसमें जुर्माने के साथ-साथ जेल की सजा भी हो सकती है.
IRCTC ऑनलाइन टिकट पर रिफंड कैसे मिलेगा?
- अगर टिकट IRCTC वेबसाइट से बुक किया गया है और वह कंफर्म नहीं हुआ है, तो चार्ट बनने के बाद वह अपने आप कैंसिल हो जाएगा और पूरा पैसा बिना किसी कटौती के वापस खाते में आ जाएगा.
काउंटर टिकट के लिए मैन्युअल कैंसिलेशन जरूरी
काउंटर से लिए गए वेटिंग टिकट को कैंसिल करवाने के लिए यात्री को IRCTC वेबसाइट, 139 कॉल सेवा या नजदीकी रेलवे स्टेशन पर जाकर मैन्युअली टिकट कैंसिल कराना होगा.