आयोध्या में निर्मित हुए राम मंदिर में प्रभु श्रीराम विराजमान होने जा रहे है 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन और श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान किया जाना है टीवी के प्रभु श्रीराम (अरुण गोविल), माता सीता (दीपिका चिखलिया) और लक्ष्मण (सुनील लहरी) को भी प्राण प्रतिष्ठा में आने के लिए निमंत्रण पत्र भेजा गया है यह तीनों ही आयोध्या में है।
इस मौके पर दीपिका चिखलिया और अरुण गोविल से खास बातचीत की। इंटरव्यू के दौरान टीवी के ‘श्रीराम’ यानी अरुण गोविल ने बताया कि आज की युवा पीढ़ी को रामायण से क्या सीख लेनी चाहिए? अरुण गोविल ने कहा, “आपके मन में सीखने की तैयारी होनी चाहिए।। रामायण के हर शब्द, हर दोहे और हर चौपाई से आप कुछ न कुछ सीख सकते हैं। रामायण को अगर हम पारिवारिक या सामाजिक परिपेक्ष्य में देखें, तो इससे आप रिश्ते सीख सकते हैं। रिश्तें कैसे होने चाहिए और इन रिश्तों को कैसे निभाना चाहिए, ये आप सीख सकते हैं। मां-बेटे का रिश्ता, पति-पत्नी का रिश्ता, भाई-भाई का रिश्ता, पिता और बेटे का रिश्ता, दोस्तों के बीच का रिश्ता और यहां तक कि दुश्मनी का भी एक रिश्ता होता है…. इसे आप रामायण से अच्छी तरीके से सीख सकते हैं। इसके साथ ही एक राजा को कैसा होना चाहिए? ये सीखा जा सकता है. यानी आपके अंडर अगर कोई काम करता है, तो उनके साथ आपको कैसा बर्ताव करना चाहिए… ये सीख सकते हैं।”
रामायण से मिल सकती है एमबीए की समझ
वही दीपिका चिखलिया का कहना है हो भी युवा MBA करने जा रहे है वह अगर अच्छे से रामयण देख ले उन्हें MBA की समझ यहाँ से मिल रही है वही अगर आप कुछ सिखने के इच्छुक है तो आप इसे एक बार अवश्य देखे। रामायण की सबसे खास बात यह है कि यहाँ से आपको बहुत सी सीख मिल जाती है ये पॉजिटिव है और आप यहाँ से कुछ सीख सकते है।
दीपिका चिखलिया कहती हैं, “रामायण का हर किरदार बहुत रियल और सच है। आप सीताजी और कौश्लया का उदाहरण देखिए। दोनों में कितनी ममता हैं। जब कौश्लया जी छोटे से रामलला को अपनी गोद में उठाती हैं, इसमें आपको जो प्यार, पवित्रता, सत्यता नजर आएगी, मेरे ख्याल से आज के दिनों वो ये सब चीजें आपको देखने को नहीं मिलेगी। रामायण में आज की तरह छल-कपट नहीं था। जब कैकेयी जी ने अपनी बात रखी, तो बहुत सफाई से रखीं। उसमें कोई छल-कपट नहीं था। कोई शतरंज का खेल नहीं था। रामायण सच्चे इमोशन के साथ एक सच्ची स्टोरी है. उसमें सभी किरदार अच्छे लोग थे।”