UP News – यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा, जिसे दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है, इसमें हर साल लाखों छात्र भाग लेते हैं. हालांकि, इनमें से केवल कुछ छात्रों का ही चयन हो पाता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे यूपीएससी की फैक्ट्री कहा जाता है… क्योंकि यहां लगभगर हर घर में अफसर है-
यूपीएससी (UPSC) की परीक्षा, जिसे दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है, इसमें हर साल लाखों छात्र भाग लेते हैं. हालांकि, इनमें से केवल 1,000-1,200 छात्रों का ही चयन हो पाता है. चयनित उम्मीदवारों को उनकी रैंक के आधार पर विभिन्न सेवाएं जैसे आईएएस (IAS), आईपीएस (IPS), आईएफएस (IFS) और आईआरएस (IRS) आवंटित की जाती हैं। यह परीक्षा छात्रों की कड़ी मेहनत और समर्पण की एक कड़ी चुनौती है।
आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे यूपीएससी की फैक्ट्री (UPSC Factory) कहा जाता है. दरअसल, इस गांव से इतने आईएएस-आईपीएस और पीसीएस अधिकारी निकले हैं कि जानकर लोग दंग रह जाते हैं.
इस गांव का नाम माधोपट्टी है, जो उत्तर प्रदेश के जौनपुर में स्थित है. यह गांव जौनपुर शहर से करीब 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस गांव से अब तक 40 से भी अधिक आईएएस-आईपीएस और पीसीएस अधिकारी (PCS Officer) निकल चुके हैं, जिनमें से कई तो अभी बड़े-बड़े पदों पर तैनात हैं और न सिर्फ अपने गांव बल्कि अपने जिले का भी नाम रोशन कर रहे हैं.
कितनी है गांव की आबादी?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के इस छोटे से गांव में, 75 घरों के भीतर 4 हजार की आबादी वाले गांव ने 47 से ज़्यादा सिविल सेवक दिए हैं, जिनमें 40 से ज़्यादा भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और 10 से ज़्यादा प्रांतीय सिविल सेवा (PCS) अधिकारी शामिल हैं. यह गांव, जो अपनी बेटियों और बहुओं को भी अधिकारी बनाने के लिए जाना जाता है, सफलता की एक असाधारण कहानी है. इस गांव के छात्र कॉलेज जाते ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर देते हैं। इस गांव में सफलता की दर बहुत ज़्यादा है.
कब से हुई यहां अधिकारी बनने की शुरुआत?
यूपीएससी की तैयारी का क्रेज देश की आजादी के तुरंत बाद ही इस गांव के युवाओं में देखने को मिला. 1952 में, इंदु प्रकाश सिंह आईएफएस अधिकारी बने, इसके तीन साल बाद ही 1955 में विनय कुमार सिंह आईएएस बने. विनय कुमार सिंह बाद में बिहार राज्य के मुख्य सचिव भी बने.
इस गांव के 4 ऐसे भाई-बहन भी हैं, जो यूपीएससी परीक्षा में सफल हुए हैं और कोई आईएएस बना है तो कोई आईपीएस. इस गांव से निकले कई आईएएस अधिकारी पीएम और सीएम कार्यालयों (PM and CM offices) में भी कार्यरत हैं. इतना ही नहीं, इस गांव के कई युवा तो इसरो, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र और वर्ल्ड बैंक में भी काम कर रहे हैं.